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ईटीवी भारत से बोले डी राजा, मोदी-शाह को चुनौती दे रही हैं ममता

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Published : Dec 20, 2019, 6:35 PM IST

Updated : Dec 20, 2019, 7:25 PM IST

देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कानून के खिलाफ जनमत संग्रह की मांग की है. उनकी इस मांग पर CPI नेता डी राजा ने कहा कि ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है. पढ़ें पूरी खबर...

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सीपीआई महासचिव डी राजा

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र जनमत संग्रह की मांग की है. इसपर उनकी प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने शुक्रवार को कहा कि ममता ने बीजेपी और आरएसएस को एक चुनौती दी है.

सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा कि मेरा यह मानना है कि ममता ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को CAA पर उनके फैसले को चुनौती दी है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजा ने कहा कि नागरिकता धर्म के आधार पर नहीं दी जानी चाहिए.

डी राजा का बयान

उन्होंने कहा, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, यह हमारे संविधान में लिखा गया है. यह सरकार धर्म के आधार पर देश को विभाजित करने का प्रयास कर रही है.

हालांकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के जनमत संग्रह पर ममता बनर्जी का खुले तौर पर समर्थन नहीं किया.

इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने ममता के बयान को 'गैर जिम्मेदाराना' करार दिया.

उन्होंने कहा, ममता गैर-जिम्मेदार तरीके से संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांद कर रहीं हैं. वह आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने के लिए विदेशियों को आमंत्रित कर रही हैं.

बता दें कि गुरुवार को ममता बनर्जी ने CAA पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह के लिए कहा था.

उन्होंने प्रदर्शन के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि भाजपा में हिम्मत है, तो उसे CAA और NRC के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी वाले जनमत संग्रह का आयोजन करवाना चाहिए.

पढ़ें-ममता की मांग- CAA और NRC पर यूएन की निगरानी में हो जनमत संग्रह

उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसा एक निष्पक्ष संगठन होना चाहिए, जो एक जनमत संग्रह आयोजित करें और देखे कि कितने लोग नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के पक्ष में हैं और कितने उसके के खिलाफ हैं.

दिलचस्प बात यह है कि सीपीआई-एम, सीपीआई, आरएसपी और एफबी सहित वामपंथी पार्टियां ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं.

2011 में ममता की TMC ने वामपंथीयों को हराकर पश्चिम बंगाल में सरकार बनाई थी. यही नहीं 2016 में ममता की TMC ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथियों के खिलाफ भारी मतों से जीत हांसिल की थी.

Last Updated : Dec 20, 2019, 7:25 PM IST

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