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केशकाल: क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं मिली जगह, भटकते रहे 46 मजदूर

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Published : Jun 18, 2020, 4:26 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 10:05 PM IST

कोंडागांव के केशकाल के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में लगातार लापरवाही सामने आ रही है. दरअसल झारखंड से आए मजदूरों के लिए घंटों तक ठहरने की व्यवस्था नहीं की गई है, जिसकी वजह से 46 मजदूर रात भर सड़क किनारे भटकते रहे.

Negligence of  Keshkal quarantine center
रात भर भटकते रहे 46 मजदूर

कोंडागांव: जिला प्रशासन कोविड 19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन केशकाल में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों से लगातार शिकायत मिल रही है. आरोप है कि सेंटर मेंं तैनात कर्मचारियों के मजदूरों की व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर लगातार लापरवाही सामने आ रही है. बीती रात भी झारखंड से पहुंचे 46 मजदूरों को किसी क्वॉरेंटाइन सेंटर में जगह नहीं मिली, जिसके कारण वे रात 3 बजे से सुबह 8 बजे तक सड़क के किनारे भूखे प्यासे बैठे रहे.

केशकल के क्वॉरेटाइन सेटर में जगह नहीं मिलने से रात भर भटकते रहे 46 मजदूर

कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में बाहर से आए मजदूरों की मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इसमें लापरवाही होने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कर्रवाई करने की बात कही है, लेकिन केशकाल में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. दरअसल झारखंड से छत्तीसगढ़ के लिए 16 जून को 46 मजदूर निकले थे, जिनमें कांकेर, कोंडागांव जिलों के मजदूर शामिल थे.

रात भर भटकते रहे 46 मजदूर

क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं मिली जगह

बीती रात लगभग 12 बजे सभी मजदूर खलेमुरवेंड स्क्रीनिंग सेंटर पहुंचे. जहां जांच प्रक्रिया पूरी होते-होते रात के 3 बज गए. इसके बाद मजदूरों को स्क्रीनिंग सेंटर से केशकाल क्वॉरेंटाइन सेंटर बालक स्कूल में भेजा गया. जहां पर मजदूरों की सुध लेने के लिए कोई नहीं था. इसके बाद मजदूरों को 3 अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटरों में घुमाया गया. वहीं कहीं जगह नहीं मिलने पर बस के ड्राइवर ने उन्हें वापस बालक स्कूल लाकर छोड़ दिया.

दो दिनों से नहीं मिला खाना

मजदूरों से बात करने पर उन्होंने बताया कि वे झारखंड से 16 जून को निकले थे, जिसके बाद बीती रात 12 बजे खलेमुरवेंड स्क्रीनिंग सेंटर में रुके थे. जहां बीते 2 दिनों से उन्हें खाने पीने की कोई सुविधा नहीं मिली है. इसलिए 2 दिनों से वे भूखे-प्यासे सफर कर रहे हैं. वहीं केशकाल आने के बाद भी उनके ठहरने के लिए भी किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिली है.

मजदूरों ने बताई अपनी परेशानी

इस बारे में जानकारी लेने के लिए ETV भारत की टीम जब मौके पर पहुंची तो, हमने देखा कि भारी संख्या में मजदूर सड़क के किनारे बैठे हुए हैं. मजदूरों ने बताया कि उन्होंने 2 दिनों से भूखे पेट झारखंड से छत्तीसगढ़ तक का सफर तय किया है और जैसे-तैसे वो यहां पहुंचे, लेकिन यहां उन्हें रहने के लिए जगह नहीं दी गई.

स्क्रीनिंग सेंटर की लापरवाही, कोरोना पॉजिटिव मजदूर को किया दूसरे मजदूरों के साथ रवाना

बता दें कि केशकाल के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी स्क्रीनिंग सेंटर में जांच करने पर एक मजदूर रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव आया था, जिसकी जानकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर को नहीं दी गई थी. वहीं रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव आए हुए युवक को दूसरे मजदूरों के साथ ही एक कमरे में रख दिया गया था, जिसे अगली सुबह आनन-फानन में दूसरी जगह ट्रांसफर करवाया गया.

Last Updated : Jun 18, 2020, 10:05 PM IST

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