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2024 में यूट्यूब ने सिर्फ विज्ञापनों से कमाएं 3 लाख करोड़ रुपये, कंपनी को इस स्ट्रेटजी से हुआ जबरदस्त फायदा - YOUTUBE REVENUE 2024

यूट्यूब ने 2024 में करीब 3 लाख करोड़ रुपये कमाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. आइए इस रिकॉर्ड के बारे में जानते हैं.

ouTube's total earnings reached $50 billion in 12-month-period ending September
2024 में यूट्यूब ने कुल मिलाकर कमाए 50 बिलियन डॉलर (फोटो - YouTube)

By ETV Bharat Tech Team

Published : Feb 7, 2025, 7:16 PM IST

हैदराबाद: क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब कितने रुपये कमाता है? अगर आप नहीं जानते तो आइए हम आपको 2024 में यूट्यूब द्वारा कमाए पैसों की जानकारी बताते हैं. दरअसल, एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार गूगल की वीडियो शेयरिंग कंपनी यूट्यूब ने 2024 में कुल 36.2 बिलियन डॉलर यानी करीब 3 लाख करोड़ रुपये कमाए थे.

इस बात का खुलासा कंपनी के एनुअल अर्निंग रिपोर्ट के जरिए हुआ है, जिसमें बताया गया है कि कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा साल 2024 के आखिरी क्वार्टर यानी (Q4 2024) में आया था. Streamtvinsider का दावा है कि यह रेवन्यू पूरी तरह से एड सेल्स के जरिए कमाया गया है. इसमें यूट्यूब प्रीमियम सब्सक्रिप्शन और यूट्यूब टीवी से होने वाली कमाई जुड़ी हुई नहीं है.

2024 में यूट्यूब की कमाई

इससे पहले यूट्यूब ने रिपोर्ट जारी करते बताया था कि, 30 सितंबर 2024 तक 12 महीने के दौरान उसने एड सेल्स और सब्सक्रिप्शन मिलाकर कुल 50 बिलियन डॉलर की कमाई की थी. ऐसा पहली बार हुआ था, जब यूट्यूब ने 50 बिलियन डॉलर का बेंचमार्क पार किया था. अब यूट्यूब के द्वारा हाल ही में पब्लिश की गई लेटेस्ट एनुअल एर्निंग रिपोर्ट के मुताबिक यूट्यूब ने आखिरी क्वार्टर में $10.473 बिलियन कमाए है. इसका मतलब है कि कंपनी को विज्ञापनों से होने वाली कमाई में साल दर साल 13.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह एक क्वार्टर में अभी तक का सबसे बड़ा इज़ाफा है.

विज्ञापनों के जरिए होने वाली इतनी ज्यादा कमाई से समझ में आता है कि क्यों यूट्यूब ने एड ब्लॉकर्स के खिलाफ कदम उठाए थे. उन्होंने पॉप-अप वॉर्निंग देने के साथ शुरुआत की, जिसमें यूट्यूब ने अपने यूज़र्स को बताया कि एड ब्लॉकर्स का उपयोग करना यूट्यूब की शर्तों का उल्लंघन है. अगर यूट्यूब को कोई भी यूज़र्स एड ब्लॉकर्स का इस्तेमाल करता हुआ दिखाई देता है, तो वो वीडियो प्ले करने से इंकार कर देता है. यूट्यूब यूज़र्स को मजबूर करता है कि या तो वो विज्ञापन ब्लॉक करने वाले एक्सटेंशन्स का इस्तेमाल ना करें और या नहीं तो यूट्यूब प्रीमियम सर्विस का इस्तेमाल करें.

प्रीमियम सब्सक्राइबर्स की संख्या में हुई बढ़ोतरी

हालांकि, यूज़र्स प्लेटफॉर्म पर काफी ज्यादा विज्ञापन दिखाए जाने की शिकायत भी कर रहे हैं, जिसके कारण प्रीमियम सर्विस का सब्सक्रिप्शन खरीदने बिना यूट्यूब का इस्तेमाल करना मुश्किल हो गया है. पिछले साल, यूट्यूब ने जानकारी दी थी कि उनके म्यूज़िक और वीडियो सर्विस ने ग्लोबल लेवल पर 100 मिलियन प्रीमियम सब्सक्राइबर्स की संख्या पार कर ली है. हालांकि, कंपनी ने इस आंकड़े में ट्रायल यूज़र्स को भी शामिल किया था, लेकिन उसके बावजूद भी 2021 में सिर्फ 50 मिलियन प्रीमियम सब्सक्राइबर्स की तुलना में कंपनी ने काफी बढ़ोतरी दर्ज की थी. यह कंपनी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जबकि कंपनी ने पेड मेंबरशिप की शुरुआत 2015 में की थी.

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