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क्या भारत में टेलीग्राम पर लग जाएगा बैन? कहीं आपका भी तो अकाउंट नहीं इस पर, रहें सावधान! - Investigation on Telegram in India

मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम के सीईओ जहां एक फ्रांस में गिरफ्तार हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर टेलीग्राम पर अब भारत सरकार की तलवार लटक रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार टेलीग्राम के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों की जांच कर रही है, जिसमें जबरन वसूली और जुआ जैसी आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं. जांच के आधार पर टेलिग्राम को भारत में बैन भी किया जा सकता है.

Telegram file photo
टेलीग्राम लोगो (फोटो - ETV Bharat File Photo)

By ETV Bharat Tech Team

Published : Aug 26, 2024, 4:15 PM IST

हैदराबाद: मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम के सीईओ पावेल दुरोव को 24 अगस्त को ही फ्रांस के एक एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया. अब उनकी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. भारत सरकार जबरन वसूली और जुए जैसी आपराधिक गतिविधियों की चिंताओं को लेकर टेलीग्राम की जांच कर रही है. इस मामले की जानकारी एक सरकारी अधिकारी ने दी है.

मनीकंट्रोल से बात करते हुए इस सरकारी अधिकारी ने बताया कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर मैसेजिंग ऐप पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है. रिपोर्ट् में कहा गया है कि उन्हें ऐप पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने में विफल रहने के कारण हिरासत में लिया गया था.

एक सरकारी अधिकारी ने 25 अगस्त को नाम न बताने की शर्त पर मनीकंट्रोल को बताया कि "भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) (गृह मंत्रालय के अधीन) और MeitY टेलीग्राम पर P2P संचार की जांच कर रहे हैं." अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की जा रही जांच में विशेष रूप से जबरन वसूली और जुआ जैसी आपराधिक गतिविधियों पर ध्यान दिया जा रहा है.

अधिकारी ने इस बात से इनकार नहीं किया कि इस प्लेटफॉर्म को ब्लॉक किया जा सकता है, जिसके भारत में 5 मिलियन से ज़्यादा रजिस्टर्ड यूज़र हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि जांच में जो भी सामने आएगा, उसके आधार पर फ़ैसला लिया जाएगा. हाल के वर्षों में, टेलीग्राम और कुछ अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपराधिक गतिविधियों के लिए अनुकूल माहौल के रूप में उभरे हैं, जिनमें घोटाले भी शामिल हैं, जिनके कारण नागरिकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.

हाल ही में यूजीसी-नीट विवाद को लेकर टेलीग्राम चर्चा में रहा, जिसके कारण छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा. मेडिकल प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था और कथित तौर पर टेलीग्राम पर व्यापक रूप से साझा किया गया था, जो एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप है. रिपोर्ट के अनुसार, इस प्लेटफॉर्म पर पेपर 5,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच में बेचा जा रहा था.

किसे मामले में हो रही है जांच: I4C और MeitY जिन उल्लंघनों की जांच कर रहे हैं, वे सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों से संबंधित नहीं हैं. अधिकारी ने कहा कि "प्लेटफ़ॉर्म आईटी नियमों का अनुपालन करता है." आईटी नियमों के अनुसार टेलीग्राम जैसे प्लेटफ़ॉर्म को एक नोडल अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना होगा और मासिक अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी.

सूत्र अधिकारी ने कहा कि "टेलीग्राम से निपटने में कठिनाई है क्योंकि भारत में उनकी कोई उपस्थिति नहीं है." अधिकारियों को अक्सर उन प्लेटफ़ॉर्म की जांच करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनका भारत में संचालन नहीं है. स्थानीय कार्यालय की अनुपस्थिति सीधे संचार में बाधा डालती है, जिससे उपयोगकर्ता डेटा का अनुरोध करने के प्रयास जटिल हो जाते हैं.

अधिकारी ने कहा कि "हमें जो सामग्री मिलेगी, हम उसकी जांच करेंगे और अपने कानूनों के आधार पर निष्कर्ष पर पहुंचेंगे." डुरोव को पेरिस के बाहर बॉर्गेट हवाई अड्डे पर फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जो कथित तौर पर टेलीग्राम पर मॉडरेटर की कमी की जांच कर रहे थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्थिति ने कथित तौर पर मैसेजिंग ऐप पर आपराधिक गतिविधियों को बेरोकटोक जारी रहने दिया.

26 अगस्त की सुबह एक बयान में कंपनी ने कहा कि "टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और वे अक्सर यूरोप की यात्रा करते हैं. दुनिया भर में लगभग एक अरब उपयोगकर्ता टेलीग्राम को संचार के साधन और महत्वपूर्ण जानकारी के स्रोत के रूप में उपयोग करते हैं. हम इस स्थिति के शीघ्र समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं. टेलीग्राम आप सभी के साथ है... यह दावा करना बेतुका है कि कोई प्लेटफ़ॉर्म या उसका मालिक उस प्लेटफ़ॉर्म के दुरुपयोग के लिए ज़िम्मेदार है."

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