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तो भारत में बंद हो जाएगा WhatsApp! मैसेजिंग App ने सर्विस को लेकर दी ये चेतावनी - WhatsApp shut down

WhatsApp will exit India : WhatsApp ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक बयान के दौरान कहा कि वह भारत में अपनी 'सर्विस बंद' कर देगा. यहां समझें पूरा मामला.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 26, 2024, 1:03 PM IST

नई दिल्ली: ऐसा हुआ तो पॉपुलर मैसेजिंग एप WhatsApp भारत में बंद हो जाएगा! कैसा? जी हां! ये बात WhatsApp ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक सुनवाई के दौरान खुद कही है. WhatsApp ने हाई कोर्ट से कहा है कि यदि एन्क्रिप्शन तोड़ा गया तो उसे भारत में अपनी सर्विस बंद कर देश से बाहर जाना पड़ेगा.

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बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट WhatsApp और उसकी मूल कंपनी मेटा की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सोशल मीडिया मध्यस्थों के लिए 2021 सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को चुनौती दी गई थी. WhatsApp की ओर से पेश एक वकील ने कोर्ट को बताया कि यदि मेटा के स्वामित्व वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को मैसेज के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो उसे भारत से बाहर जाना होगा. WhatsApp का कहना है कि यूजर्स का उस पर भरोसा मैसेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड की वजह से है और इसे तोड़ना पड़ा तो प्राइवेसी नहीं रह जाएगी.

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यह है मामला
आगे बता दें कि WhatsApp की ओर से यह कमेंट तब की गई जब कोर्ट गुरुवार को WhatsApp की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सोशल मीडिया मध्यस्थों के लिए 2021 सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों को चुनौती दी गई थी, जिसमें मैसेजिंग एप को चैट का पता लगाने और पहचान करने के प्रावधान की आवश्यकता थी. इस पर WhatsApp की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट तेजस करिया ने का कि एक मंच के रूप में अगर हमें एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाता है तो WhatsApp चला जाएगा. WhatsApp की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने की.

इस पर मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह की पीठ ने कहा कि यह देखते हुए कि इस मामले पर सभी पक्षों को बहस करनी होगी, पूछा कि क्या किसी अन्य देश में भी इसी तरह का कानून मौजूद है. वकील ने जवाब दिया दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं है ब्राजील में भी नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि प्राइवेसी को लेकर कहीं न कहीं संतुलन बनाना होगा. इस पर कोर्ट में केंद्र की ओर से पेश वकील ने कहा कि जब सांप्रदायिक हिंसा जैसे मामलों में आपत्तिजनक कंटेंट प्लेटफॉर्म पर फैलाई जाती है तो यह नियम महत्वपूर्ण बन जाते हैं. इसके साथ ही पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को करने की बात कही है.

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