हैदराबाद:स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर त्वचा को 'हमेशा के लिए रसायनों' के संपर्क में ला सकते हैं, ऐसा ACS के पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी पत्रों में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है. इसमें पाया गया कि फ्लोरिनेटेड सिंथेटिक रबर से बने रिस्टबैंड में परफ्लुओरोहेक्सानोइक एसिड (PFHxA) का उच्च स्तर होता है, जो एक प्रकार का फॉरएवर केमिकल है.
अध्ययन में कहा गया है कि कम लागत वाले उत्पादों में मौजूद होने के बजाय, यह रसायन महंगे रिस्टबैंड में अधिक प्रमुखता से पाया जाता है. अध्ययन के संवाददाता लेखक ग्राहम पेस्ली का कहना है कि यह खोज इसलिए उल्लेखनीय है, क्योंकि हमारी त्वचा के साथ लम्बे समय तक संपर्क में रहने वाली वस्तुओं में एक प्रकार के स्थायी रसायन की 'बहुत अधिक सांद्रता' पाई जाती है.
शोधकर्ताओं का माननाहै कि रिस्टबैंड में PFHxA का उच्च स्तर फ्लोरोएलास्टोमर्स के उत्पादन के दौरान सर्फेक्टेंट के रूप में इसके उपयोग के कारण है. वर्तमान में, वैज्ञानिक पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि PFHxA कितनी आसानी से त्वचा में प्रवेश करता है या इसके संभावित स्वास्थ्य प्रभाव क्या हैं. हालांकि, हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि सामान्य परिस्थितियों में एक महत्वपूर्ण मात्रा त्वचा से होकर गुजर सकती है.
फॉरएवर केमिकल
पेर- और पॉलीफ्लोरोएल्काइल पदार्थ (PFAS) ऐसे रसायन हैं, जो अपनी स्थायित्व और पानी, पसीने और तेल को दूर रखने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं. ये गुण उन्हें कई उपभोक्ता उत्पादों में उपयोगी बनाते हैं, जैसे दाग-प्रतिरोधी बिस्तर, मासिक धर्म उत्पाद और फिटनेस पहनने के लिए, जिसमें स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर रिस्टबैंड शामिल हैं.
ये बैंड फ्लोरोइलास्टोमर्स से बने होते हैं, जो PFAS चेन से बने सिंथेटिक रबर होते हैं, जो त्वचा के रंग को खराब होने से बचाते हैं और गंदगी को दूर भगाते हैं. हालाँकि यह बैंड पसीने से तर वर्कआउट के लिए आदर्श है, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि ये त्वचा में इन रसायनों को पहुंचा सकते हैं.