नई दिल्ली :आईबीएम इंडिया, साउथ एशिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने कहा, 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है और सबसे अच्छी बात यह है कि सरकार न केवल एआई तकनीक को बढ़ाने को लेकर काम कर कर रही है, बल्कि इस क्षेत्र में कौशल बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है.
पटेल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि एआई के साथ 'आत्मनिर्भर' होने के लिए भारत को जल्द ही खुद को दुनिया में एआई अपनाने और नवाचार के केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित करना होगा.
उन्होंने कहा, 'हालांकि प्रगति हो रही है, एआई स्किलिंग और अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने वाले विभिन्न डोमेन नीति निर्माण के बीच बिंदुओं को जोड़कर एआई में तेजी आने की गुंजाइश है. अनुसंधान एवं विकास बहुत आवश्यक होगा, और हमें यह सब जिम्मेदारी से करना होगा.'
पिछले दिसंबर में नई दिल्ली में की गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी की घोषणा में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया था कि सरकार का प्रयास सामाजिक विकास और समावेशी विकास के लिए एआई की क्षमताओं का पूरा लाभ उठाना है.
पीएम मोदी ने कहा था, 'भारत एआई के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है. हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया है, हम भारत एआई मिशन भी शुरू करने जा रहे हैं.'
इस मिशन का लक्ष्य भारत में एआई कंप्यूट पावर की पर्याप्त क्षमता स्थापित करना है. इस मिशन के तहत कृषि स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में एआई अनुप्रयोगों को बढ़ावा दिया जाएगा.
पटेल ने कहा कि 'सरकार विभिन्न डोमेन में एआई क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने की योजना बना रही है. उन्होंने से कहा, 'सरकार इस तकनीक के व्यावहारिक प्रयोग को लेकर भी गंभीर है.'