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पेट्रोल और डीजल नहीं, तो हवाई जहाज में कौन सा ईंधन होता है इस्तेमाल, जानें क्या है वजह - Aviation Turbine Fuel - AVIATION TURBINE FUEL

हवाई जहाज से यात्रा करना अब आसान हो गया है. हवाई जहाज से यात्रा करने का आनंद ही अलग है. लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता कि हवाई जहाज किस ईंधन से चलता है. हवाई जहाज में पेट्रोल या डीजल का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता?, हवाई जहाज में किस तरह का ईंधन इस्तेमाल किया जाता है? बहुत से लोग यह भी जानना चाहते होंगे. तो चलिए आज इसके बारे में जानते हैं.

fuel used in aircraft
विमान में इस्तेमाल होने वाला ईंधन (फोटो - IANS)

By ETV Bharat Tech Team

Published : Sep 19, 2024, 5:37 PM IST

हैदराबाद: हवाई जहाज की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, क्या आपने कभी सोचा है कि कारों में इस्तेमाल होने वाला पेट्रोल हवाई जहाज में क्यों नहीं इस्तेमाल किया जाता? इसका कारण अलग-अलग ईंधनों के गुणों में निहित है. हवाई जहाज पेट्रोल की जगह केरोसिन आधारित ईंधन का इस्तेमाल करते हैं. इस ईंधन को जेट ए, जेट 1 या एविएशन केरोसिन क्यूएवी भी कहा जाता है. यह एक रंगहीन और अत्यधिक ज्वलनशील तरल है.

विमान को विशेष ईंधन की आवश्यकता होती है: विमान को ऐसे ईंधन की आवश्यकता होती है जो -58°F से लेकर 122°F तक के चरम तापमान को झेल सके. ऊंचाई पर गैसोलीन इन मानकों को पूरा नहीं कर पाता. पेट्रोल का कम फ़्लैश पॉइंट, अस्थिरता और सीमित ऊर्जा घनत्व इसे उड़ान के लिए अनुपयुक्त बनाता है.

एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF): हवाई जहाज़ ATF ईंधन पर निर्भर करते हैं, जिसे जेट ईंधन के रूप में भी जाना जाता है. यह एक विशेष केरोसिन-आधारित ईंधन होता है. तो चलिए जानते हैं कि इसकी खासियत क्या-क्या होती है.

1. उच्च ऊर्जा घनत्व: एटीएफ में प्रति इकाई भार में उच्च ऊर्जा होती है, जो विमान में ईंधन की खपत को कम करती है. साथ ही, विमान ऐसे ईंधन से लंबी दूरी तय कर सकता है.

2. उच्च फ्लैश पॉइंट: एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) का उच्च फ्लैश पॉइंट ईंधन हैंडलिंग के साथ-साथ उड़ान के दौरान आग लगने के जोखिम को कम करता है.

3. ठंड के मौसम में महत्वपूर्ण: ATF ईंधन बहुत कम तापमान पर भी तरल अवस्था में रहता है. इस वजह से इंजन का प्रदर्शन अच्छा रहता है.

4. ऊंचाई पर स्थिरता: ATF ईंधन उच्च दबाव और ऊंचाई पर भी अपने गुणों को बनाए रखता है.

विमानन ईंधन के प्रकार: विमान में इस्तेमाल होने वाले एटीएफ ईंधन के दो मुख्य प्रकार हैं.

1. जेट-ए1: सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन है, जिसका एटीएफ फ्लैश पॉइंट 38°C (100°F) है.

2. जेट-ए: संयुक्त राज्य अमेरिका में 40°C (104°F) के थोड़े अधिक फ्लैश पॉइंट के साथ इस्तेमाल किया जाता है.

डीजल या अन्य विकल्प क्यों नहीं?: विमानन के लिए डीजल या जैव ईंधन जैसे अन्य ईंधनों की खोज की जा रही है.

1. अनुकूलता: मौजूदा विमान इंजन डिजाइन और सुविधाएं एटीएफ ईंधन के साथ संगत हैं.

2. ऊर्जा घनत्व: वैकल्पिक ईंधन में अक्सर कम ऊर्जा घनत्व होता है, जो उड़ान और प्रदर्शन को प्रभावित करता है.

3. प्रमाणन: नए ईंधन के लिए व्यापक परीक्षण और प्रमाणन की आवश्यकता होती है. इसका उपयोग हवाई जहाज में भी किया जा सकता है.

एक संधारणीय ईंधन भविष्य: विमानन उद्योग कार्बन उत्सर्जन को कम करने की कोशिश कर रहा है. संधारणीय विमानन ईंधन (SAF) ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 80 प्रतिशत तक कम कर सकता है. हालांकि, लागत और उत्पादन मानकीकरण के लिए महत्वपूर्ण बाधाएं हैं. विमानन के लिए एक अद्वितीय ईंधन की आवश्यकता होती है.

हालांकि पेट्रोल कारों के लिए आदर्श है, लेकिन ATF (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) के गुण इसे विमानों के लिए सबसे सुरक्षित और सबसे कुशल विकल्प बनाते हैं. जैसे-जैसे विमानन उद्योग विकसित होता है, ईंधन प्रौद्योगिकी में नवाचार संधारणीय विमानन ईंधन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

मुख्य आंकड़े:

वैश्विक एटीएफ ईंधन खपत: 5.5 मिलियन बैरल प्रति दिन

एसएएफ उत्पादन में अनुमानित वृद्धि: 2025 तक 1 बिलियन लीटर

एसएएफ का उपयोग करके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में अनुमानित कमी: 70-80 प्रतिशत

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