पटनाःआधुनिक जीवन में मोबाइल फोन की महत्वपूर्ण भूमिका हो गयी है. इस सुविधा का दुरुपयोग भी हो रहा है. कई अनैतिक लोग दूसरों के आधार कार्ड का उपयोग करके सिम कार्ड प्राप्त कर रहे हैं, जिससे गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. यदि किसी और ने आपके आधार कार्ड पर सिम ले लिया, तो वह आपके नाम पर अपराध कर सकता है या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हो सकता है. इससे बचने के लिए अपने आधार कार्ड की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें. जागरूक रहें और सुरक्षित रहें, ताकि आप किसी भी अप्रिय स्थिति से बच सकें.
कैसे मिलेगी इसकी जानकारीः आए दिन आपराधिक घटनाओं में फर्जी सिम कार्ड का उपयोग एवं साइबर ठगी को देखते हुए सरकार ने इसे रोकने के लिए एक वेबसाइट तैयार की है. आप अपने आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर को जानने के लिए tafcop.dgtelecom.gov.in साइट को खोलें. आधार कार्ड से लिंक अपना मोबाइल नंबर डालें उसके नीचे एक कैप्चा कोड आएगा. उसे निर्धारित कॉलम में भर दें, अब आपके पास एक OTP आएगा. उसे भी नीचे के कॉलम में भर दें. ओटीपी डालने के बाद आप ओपन बटन दबाएं, सारी जानकारी आ जाएगी कि आपकी आईडी से कितने नंबर लिंक हैं
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) अनजान सिम को ऐसे करें बंदः यदि आपके आधार कार्ड के साथ आप किसी अनजान नंबर को देखते हैं तो इसी साइट पर आप इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं. इसके अलावा यदि कोई पुराना नंबर जिससे आप बंद करवा चुके हैं और वह भी यहां दिख कर रहा है तो इसको भी आप आधार के लिंक से हटवा सकते हैं. इसके लिए इस लिंक पर आपको नीचे दिये गये तीन ऑप्शन मिलेंगे.
- This is not my number
- Not required
- Required
इसमें से पहले ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद रिपोर्ट पर क्लिक करना होगा. रिपोर्ट करने के बाद 48 घंटे के अंदर में आपका आधार कार्ड से अनजान नंबर का लिंक हट जाएगा.
आधार से मोबाइल नंबर लिंक करना है जरूरीः आए दिन मोबाइल के जरिए साइबर ठगी की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. रोज हजारों लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं. साइबर अपराधी फर्जी सिम के जरिए आम लोगों को आसानी से अपना शिकार बनाते हैं. साइबर ठगी सरकार के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है. फर्जी दस्तावेज पर साइबर ठग सिम उपलब्ध करवाते हैं और इसी सिम के जरिए वह आम लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. यही कारण है कि सरकार ने सिम जारी करने के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है. आम लोगों के लिए सिम रखने की सीमा भी निर्धारित कर दी गई है. एक आदमी नौ से ज्यादा सिम अपने नाम पर नहीं रख सकते हैं.
किसी भी पहचान कार्ड पर मिल जाता था सिमः सरकार ने साइबर ठगी को देखते हुए हर मोबाइल सिम कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करवाने का निर्णय लिया ताकि यह पता चल सके कि यह सिम कार्ड किसके नाम पर चल रहा है. सरकार के इस निर्णय के पीछे एक कारण यह भी था कि कई आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान या अन्य देशों के सिम कार्ड के जरिए आतंकी अपने लोगों से बात किया करते थे. यही कारण है कि साइबर अभी एवं अन्य आपराधिक घटनाओं में अंकुश लगाने के लिए सरकार ने हर सिम कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का निर्णय लिया.
बिहार में कितने मोबाइल यूजर हैंःभारतीय दूरसंचार विनयामक बोर्ड यानी ट्राई के मुताबिक बिहार में 55.50% लोगों के पास मोबाइल फोन हैं. मोबाइल के क्षेत्र में सरकारी कंपनी बीएसएनएल के बिहार में 58 लाख 8000 से ज्यादा कंज्यूमर हैं. निजी क्षेत्र की कंपनियों की बात की जाए तो एयरटेल के पास बिहार में सबसे ज्यादा कस्टमर है. बिहार में एयरटेल के पास 4 करोड़ 3 लाख 18 हजार से ज्यादा कंज्यूमर हैं. इसके बाद रिलायंस जिओ के पास 3 करोड़ 73 लाख 38 हजार कंज्यूमर हैं. वोडाफोन आइडिया के पास बिहार में 82 लाख 83 हजार उपभोक्ता मौजूद हैं.
देश में कितने मोबाइल यूजरः भारतीय संचार मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में एक अरब 20 करोड़ मोबाइल फोन यूजर हैं. जिसमें 60 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर हैं. मोबाइल बैंकिंग एवं अन्य सुविधाओं के कारण इसका विस्तार शहर के साथ-साथ गांव में भी हुआ है. मोबाइल के क्षेत्र में विकास का पैमाना इससे पता चलता है कि 2G से शुरू हुई सेवा आज 5G तक पहुंच गई है. बहुत जल्द 6G सेवा लाने पर संचार कंपनी पूरी तरीके से जुटी हुई है.
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