हल्द्वानी हिंसा में बिहार के प्रकाश की मौत हल्द्वानी: कहा जाता है कि दंगे में दोषी और निर्दोष नहीं देखे जाते. जो भी सामने आया, वो इसका शिकार हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ हल्द्वानी के बनभूलपुरा में भड़की हिंसा में देखने को मिला. जहां बुलडोजर, बवाल और फायरिंग हो गई. हल्द्वानी हिंसा के दिन एक ऐसे युवक ने भी अपनी जान गंवाई. जो उसी दिन बिहार से रोजगार की तलाश में हल्द्वानी पहुंचा था. परिजनों की मानें तो उसके सिर पर गोली लगी हुई थी. वहीं, अब युवक के परिजन सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.
8 फरवरी को ही हल्द्वानी पहुंचा था प्रकाश:बताया जा रहा है कि प्रकाश सिंह (उम्र 24 वर्ष) बिहार के चिनिया गांव भोजपुर आरा का रहने वाला था. जो ग्रेजुएशन कर नौकरी के तलाश में 7 फरवरी को बिहार से उत्तराखंड के लिए चला था. 8 फरवरी को वो हल्द्वानी पहुंचा और इसी दिन शाम के समय हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा भड़क गई. जिसकी चपेट में प्रकाश भी आ गया. अब युवक की शिनाख्त होने के बाद परिजन हल्द्वानी पहुंचे हैं.
गोली कैसे लगी? अभी तक नहीं हो पाया खुलासा:हल्द्वानी पहुंचे युवक के जीजा अंकित कुमार सिंह ने बताया कि प्रकाश 7 फरवरी को बिहार से रोजगार की तलाश में चला था. जो 8 फरवरी को हल्द्वानी पहुंचा. जहां वो हिंसा का शिकार हो गया. उसकी लाश बनभूलपुरा के रेलवे ट्रैक के पास मिली थी. प्रकाश के सिर पर 3 गोलियां लगी हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी में रख दिया था. जहां शिनाख्त होने पर परिजनों को सूचना दी गई. सूचना मिलने पर परिजन हल्द्वानी पहुंचे हैं. प्रकाश को गोली उपद्रवियों ने मारी या पुलिस फायरिंग में मौत हुई? अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है.
परिवार की स्थिति है काफी खराब:प्रकाश के जीजा अंकित सिंह के मुताबिक, प्रकाश के पांच बहने हैं. जबकि, दो भाइयों में सबसे बड़ा है. उसकी तीन बहनों की शादी हो चुकी है. जबकि उसका छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है. प्रकाश ग्रेजुएशन कर रोजी रोटी की तलाश में हल्द्वानी आया था, लेकिन उसकी गोली लगने से मौत हो गई. परिवार की स्थिति काफी खराब है. माता-पिता का सहारा था और अब उसकी मौत हो चुकी है. प्रकाश के रिश्तेदारों ने सरकार से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और परिवार को सहायता करने की मांग की है.
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