उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तरकाशी की अस्सी गंगा घाटी में बसता है 95 प्रजातियों की चिड़ियों का सुंदर संसार, बर्ड वाचिंग बना रोजगार

Bird species in Assi Ganga valley Uttarkashi, Bird watching आपने कभी सोचा है कि चिड़ियों को दिखाना रोजगार हो सकता है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में युवा बर्ड वाचिंग को रोजगार बना रहे हैं. जिले की अस्सी गंगा घाटी में 95 प्रजातियों की चिड़िया पाई जाती हैं. यहां आने पर्यटकों में इन चिड़ियों को देखने की उत्सुकता होती है. ऐसे में स्थानीय युवाओं ने बर्ड वाचिंग को रोजगार बना लिया है.

Bird watching
उत्तरकाशी बर्ड वाचिंग

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 19, 2024, 6:38 AM IST

Updated : Mar 19, 2024, 11:07 AM IST

उत्तरकाशी: जनपद की अस्सी गंगा घाटी और डोडीताल में हिमालयी प्रजाति और प्रवासी चिड़ियों का एक सुंदर संसार बसता है. ट्रेकर्स और पर्यटक यहां पर उच्च हिमालयी क्षेत्र की ट्रेकिंग के साथ सुंदर चिड़ियों को देखते हैं. वहीं अब यह यहां के युवाओं के लिए बर्ड वाचिंग स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बनकर उभर रहा है.

उत्तरकाशी में चिड़ियों का अनोखा संसार: उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय से करीब 10 किमी की दूरी पर बसी अस्सी गंगा घाटी के कफलौं से लेकर डोडीताल-दरवा टॉप तक 95 प्रजातियों की चिड़ियों का घर माना जाता है. यहां के युवाओं ने वन और पर्यटन विभाग के साथ ईको टूरिज्म के तहत प्रशिक्षण शिविर के दौरान इन प्रजातियों की चिड़ियों का चिन्हीकरण किया है. कफलौं से लेकर डोडीताल के करीब 23 किमी क्षेत्र में सड़क सहित पैदल ट्रेक पर सुंदर चिड़ियां देखने को मिलती हैं.

अस्सी गंगा घाटी में हैं 95 प्रजातियों की चिड़िया: अगोड़ा गांव के प्रधान और बर्ड वाचिंग एक्सपर्ट मुकेश पंवार ने बताया कि इस क्षेत्र में मुख्यतया हिमालयन मोनाल सहित हिमालयन ग्रिफिन, व्हाइट थ्रोटेट किंग फिसर, बर्डिटर फ्लाईकेचर, यलो बील्ड ब्लू मैगपाई और क्लिज फिजेंट स्नो पिगन प्रजातियां देखने को मिलती हैं. इन 95 प्रजातियों में कई प्रजाति की चिड़िया आसानी से देखने को मिलती हैं. कुछ को देखने के लिए समुद्रतल से करीब 3000 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर ट्रेक करना पड़ता है.

बर्ड वाचिंग से मिला रोजगार: वर्तमान में घाटी के युवाओं के लिए बर्ड वाचिंग स्वरोजगार का सशक्त माध्यम है. अस्सी गंगा घाटी में इस समय बलवीर पंवार, मुकेश पंवार, सुमन पंवार, प्रवीण, धमेंद्र नेगी बर्ड वाचिंग एक्सपर्ट के तौर पर कार्य कर रहे हैं. मुकेश ने बताया कि हर वर्ष डोडीताल ट्रेक पर सैकड़ों ट्रेकर्स पहुंचते हैं, जो यहां पर पर्यटन के रोमांच के साथ चिड़ियों के सुंदर संसार से भी रूबरू होते हैं.
ये भी पढ़ें:सैलानियों से गुलजार होने लगी नेलांग घाटी, नैसर्गिक सौंदर्य देख हुए अभिभूत

ये भी पढ़ें:उत्तरकाशी में बर्फ'भारी', गंगोत्री हाईवे बंद, कई गांवों की बत्ती गुल, मकान पर गिरा पेड़

Last Updated : Mar 19, 2024, 11:07 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details