बाराबंकी:स्नातक की छात्रा के साथ दुष्कर्म, मारपीट व धमकी देने के एक मामले में आरोपी को अदालत ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला विशेष न्यायाधीश एससीएसटी ऐक्ट राजेश पति त्रिपाठी ने बुधवार को सुनाया. कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि दोषी द्वारा अदा की जाने वाली जुर्माने की राशि में से 30 हजार रुपये पीड़िता को बतौर प्रतिकर दिए जाएं.
लोक अभियोजक अधिकारी कृपाशंकर तिवारी ने अभियोजन कथानक का विवरण देते हुए बताया कि पीड़िता देवां थाना क्षेत्र के एक डिग्री कालेज से स्नातक कर रही थी. पढ़ाई के दौरान ही साल 2019 में देवां थाना क्षेत्र के सिपहिया गांव का साहेब आलम आए दिन पीड़िता को छेड़ता था तथा अश्लील बातें करता था. लोकलाज के भय से पीड़िता ने ये बातें अपने घर पर नहीं बताई. एक दिन आरोपी साहबे आलम मोटरसाइकिल से आया और पीड़िता को जबरदस्ती बैठा लिया. इसके बाद बड़ी नहर के निकट एक खेत में ले जाकर रेप किया. जिसका आरोपी ने वीडियो भी बना लिया. इसी वीडियो को दिखाकर आरोपी पीड़िता को आए दिन धमकी देता था.आरोपी पीड़िता का लगातार रेप करता रहा.
20 जुलाई 2021 को रात 10 बजे फोन करके पीड़िता को नाग मंदिर के पास बुलाया. पीड़िता वहां पहुंची तो आरोपी ने उसे जाति सूचक गालियां देते हुए कहा कि 13 अगस्त को आऊंगा और तुम मेरे साथ चलना. धर्म परिवर्तन करके शादी कर लेंगे. जिस पर पीड़िता ने मना कर दिया. इस पर आरोपी ने वीडियो वायरल करने की धमकी दी और चला गया.13 अगस्त 2021 को आरोपी फिर आया और पीड़िता को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाने की कोशिश करने लगा. पीड़िता द्वारा विरोध करने पर आरोपी पीड़िता को मारने लगा. तभी घर की औरतें आ गई और आरोपी जान से मारने की धमकी देकर भाग गया.