जींद: पंजाब बॉर्डर पर 13 फरवरी को किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष के दौरान दर्ज मुकदमें में गिरफ्तार किए गये तीन युवा किसान नेताओं को जमानत मिल गई है. पुलिस ने सोनीपत के रहने वाले किसान नेता अक्षय नरवाल, प्रवीन और वीरेंद्र को गिरफ्तार किया था. तीनों को 37 दिन बाद जिला एवं सत्र न्यायायल से ये जमानत मिली है.
पिछले 3 दिनों से जेल के अंदर अनशन पर बैठे अक्षय नरवाल ने वीरवार को जमानत मिलने के बाद शाम साढ़े छह बजे बाहर आकर अनशन तोड़ा. बाहर किसान नेताओं ने उन्हें जूस पिला कर अनशन खत्म करवाया. किसानों ने कहा कि हकों के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी. किसानों के अधिवक्ता सोमदत्त रेढू ने बताया कि तीनों किसान नेताओं को 13 फरवरी को दाता सिंह वाला बॉर्डर से गिरफ्तार गया था और उन पर हत्या के प्रयास सहित 11 अलग-अलग धाराओं में मुकदमें दर्ज किए गये थे.
13 फरवरी को दातासिंह वाला बॉर्डर पर अक्षय नरवाल समेत चार किसानों के खिलाफ पुलिस ने हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. इसके बाद अक्षय नरवाल को गिरफ्तार कर लिया था. अक्षय नरवाल की रिहाई की मांग को लेकर सात मार्च को किसानों ने जींद में धरना भी दिया था. इसके बाद पुलिस ने आश्वासन दिया था कि अक्षय नरवाल की जमानत हो जाएगी लेकिन जमानत नहीं हो पाई. चार दिन पहले अक्षय नरवाल ने जेल में अनशन शुरू कर दिया था.
जेल से बाहर आने के बाद युवा किसान नेता अक्षय नरवाल ने कहा कि वह निर्दोष हैं. उसके खिलाफ बॉर्डर पर कोई सबूत नहीं मिले हैं. इसके बावजूद भी उनके खिलाफ संगीन धाराएं लगा कर गिरफ्तार किया गया. सरकार ने मौलिक अधिकारों का हनन किया है. वहीं प्रियंका खरकरामजी और संदीप चहल ने बताया कि प्रशासन की तरफ से उन्हें आश्वासन मिला है कि कुछ तारीखों पर पेशी भुगतने के बाद उनका केस खारिज करवाने का प्रयास रहेगा.
ये भी पढ़ें: