सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत में बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों के ईपी (एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) से निकलने वाले पानी की जांच में अनियमितताएं पाई गई हैं. जांच रिपोर्ट में सामने आया कि कई फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी निर्धारित प्रदूषण मानकों पर खरा नहीं उतरा. इसके चलते 113 फैक्ट्रियों को प्रदूषण विभाग द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
जांच में प्रदूषित पाया गया पानी: यमुना नदी के पानी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने बड़ी औद्योगिक क्षेत्र के 113 व्यापारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. पिछले साल अगस्त में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम ने बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों से ट्रीट होकर निकल रहे पानी के सैंपल लिए थे. जांच रिपोर्ट में सामने आया कि कई फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी निर्धारित प्रदूषण मानकों पर खरा नहीं उतरा. इसके चलते 113 फैक्ट्रियों को प्रदूषण विभाग द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी: प्रदूषण विभाग के एसडीओ रविंद्र यादव ने बताया कि जांच में सामने आया कि कुछ फैक्ट्रियों का ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहा है. जिससे उनके प्लांट से निकलने वाला पानी तय मानकों से ज्यादा गंदा पाया गया है. कई फैक्ट्रियों के ट्रीटेड पानी में प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा से काफी कम पाया गया. जिसमें संदेह है कि दूषित पानी में साफ पानी मिलाकर आने की वजह से प्रदूषण का स्तर कम दिख रहा है. ऐसे में निर्धारित मानकों पर खरा न उतरने वाली सभी 113 फैक्ट्री संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
वहीं, पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करने वाली फैक्ट्रियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. फैक्ट्रियों ने अगर संतोषजनक जवाब न दिया तो उनके खिलाफ जुर्माना संचालन निलंबन या अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन 113 फैक्ट्रियों को नोटिस भेजा है, उनसे जल्द जवाब मांगा गया है.
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