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उपचुनाव से पहले एक्शन मोड में योगी सरकार; 51 मंत्रियों को बनाया जिलों का प्रभारी, सीएम-दोनों डिप्टी सीएम की भी जिम्मेदारी तय, केशव फिर नदारद - Yogi Government

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 12, 2024, 7:53 PM IST

Updated : Sep 12, 2024, 10:48 PM IST

योगी सरकार ने गुरुवार को बड़ा फेरबदल करते हुए 51 मंत्रियों को जिला प्रभारी बनाया है. इसकी लिस्ट जारी कर दी गई है. गुरुवार शाम को हुई बैठक में दोनों डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे. सीएम योगी ने उनकी भी जिम्मेदारी अलग से तय की है.

योगी सरकार ने 51 मंत्रियों को बनाया गया जिलों का प्रभारी
योगी सरकार ने 51 मंत्रियों को बनाया गया जिलों का प्रभारी (Photo Credit; ETV Bharat)

योगी सरकार ने 51 मंत्रियों को बनाया गया जिलों का प्रभारी (Photo Credit; ETV Bharat)

लखनऊ:यूपी विधानसभा उपचुनाव से पहलेयोगी सरकार एक्शन मोड में है. सरकार ने गुरुवार को बड़ा फेरबदल करते हुए 51 मंत्रियों को जिला प्रभारी बनाया है. शाम को सीएम योगी ने मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसके बाद यह जिम्मेदारी तय की गई. इसके साथ ही सीएम योगी ने खुद के साथ दोनों उप मुख्यमंत्रियों को 25-25 जिलों की समीक्षा का जिम्मा सौंपा है. हर चार माह पर रोटेशन पर जिलों का प्रभार परिवर्तित होता रहेगा. जिला प्रभारी बनाए गए मंत्री अधिकारियों से समन्वय रखते हुए सरकार की ओर से चलाई जा रहीं योजनाओं की प्रगति पर नजर रखेंगे. योगी सरकार ने जिला प्रभारी बनाए गए मंत्रियों की लिस्ट भी जारी कर दी है. इस बैठक में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तो मौजूद रहे लेकिन केशव प्रसाद मौर्य फिर नदारद रहे. बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह भी मौजूद रहे.

योगी सरकार ने 51 मंत्रियों को बनाया गया जिलों का प्रभारी (Photo Credit; ETV Bharat)
योगी सरकार ने 51 मंत्रियों को बनाया गया जिलों का प्रभारी (Photo Credit; ETV Bharat)

बैठक में प्रभारी मंत्रिगणों को मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश

  • जिले के प्रभारी मंत्री के रूप में मंत्री प्रत्येक माह में कम से कम एक बार 24 घंटे के लिए अपने प्रभारी जनपद में प्रवास करेंगे.
  • शासन से संबंधित मुद्दों को प्रभारी मंत्री कोर कमेटी से चर्चा करके प्रत्येक माह शासन में संबंधित विभाग व मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके प्रस्तुत करेंगे.
  • जिले की समीक्षा बैठक में जनशिकायतों को मेरिट के आधार पर निस्तारित किया जाना है. कानून व सुरक्षा संबंधी विषयों, राजस्व विभाग से जुड़े हुए विषयों को जैसे वरासत, पैमाइश, नामांतरण, लैण्ड यूज सहित IGRS, CM Helpline आदि की समीक्षा कर मेरिट के आधार पर निस्तारण कराना है. इसकी समीक्षा की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय और संबंधित विभाग को अनिवार्य रूप से भेजी जानी चाहिए.
  • केन्द्र और राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं, लोककल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय स्तर पर प्रवास के दौरान भौतिक सत्यापन भी होना चाहिए.
  • निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों, ग्राम सचिवालय, क्रय केन्द्र, फेयर प्राइस शॉप, कृषि विज्ञान केन्द्र में से किसी एक का भौतिक निरीक्षण प्रवास के दौरान करना अपेक्षित है.
  • अटल आवासीय विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, विद्यालय, राजकीय महाविद्यालयों, निर्माणाधीन कस्तूरबा गांधी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण, पॉलीटेक्निक/आईटीआई के संचालन की समीक्षा की जाए.

बता दें कि यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. बैठक में सीएम योगी ने मंत्रियों को सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए सक्रिय होने को कहा है.

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Last Updated : Sep 12, 2024, 10:48 PM IST

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