लखनऊ: डीजल और पेट्रोल वाहनों से किनारा कर अब लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ तेजी से रुख कर रहे हैं. हालांकि पहले ईवी खरीदने में लोग सुस्ती दिखा रहे थे, लेकिन जब सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में सब्सिडी की घोषणा की तो लोगों ने ईवी की तरफ रुख किया और अब इन वाहनों की मांग बढ़ती जा रही है.
ऐसे में अगर आप भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं तो जल्दी करें नहीं तो यह मौका हाथ से निकल सकता है. वजह है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट की अवधि साल 2027 तक ही रखी है और गाड़ियों की संख्या भी तय है. अवधि गुजरने के बाद और बजट समाप्त होने पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी. ऐसे में अगर छूट से वंचित नहीं होना है तो समय खत्म होने से पहले ही इलेक्ट्रिक वाहन अपने नाम करा लें.
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में छूट देने का घोषणा की थी, लेकिन सरकार की मंशा के स्वरूप इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने में लोग दिलचस्पी दिखा नहीं रहे थे. इसके बाद सरकार ने सब्सिडी देने की अवधि बढ़ाकर 2027 तक कर दी. अब इलेक्ट्रिक वाहनों पर साल 2027 तक सब्सिडी दी जाएगी. इसके लिए 403.97 करोड रुपए का बजट रखा है, साथ ही सभी श्रेणी के वाहनों की संख्या भी निर्धारित कर दी है.
बजट खत्म हुआ तो बाद में बिके हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट का लाभ नहीं मिलेगा. अगर बजट बचा रहा तो तय समय सीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है. दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ₹5000 की छूट या एक्स फैक्ट्री की लागत का 15%. इसके लिए 100 करोड रुपए का बजट आवंटित किया गया है. थ्री व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन की छूट के लिए 12 हजार रुपए और 36 करोड़ रुपए बजट निर्धारित है.
चार पहिया वाहन के लिए एक लाख रुपए और 250 करोड़ का बजट है. 400 ई बस के लिए प्रति बस 20 लाख रुपए के हिसाब से 80 करोड़ रुपए तक की छूट मिलेगी. ई गुड्स कैरियर के 1000 वाहनों के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है.