आगरा:छावनी क्षेत्र में नाथ संप्रदाय के लाल समाधि आश्रम के मठाधीश योगी चैतन्यनाथ की सिर कुचलकर हत्या की गई थी. वारदात में किसी भारी वस्तु से प्रहार करके उन्हें मौत के घाट उतारा था. यह खुलासा पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद किया है. हालांकि मठाधीश योगी चैतन्यनाथ के परिजनों ने पहले ही हत्या की आशंका जताई थी. पुलिस ने पोस्टमार्टम आने के बाद योगी को दोबारा समाधि दी थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है.
मामला 12 मई 2024 का है. छावनी क्षेत्र में टैंक चौराहा के पास लालनाथ समाधि मठ है. जहां पर पांच साल से रह रहे नाथ संप्रदाय के बाबा बालकनाथ के शिष्य योगी चैतन्यनाथ (56) समाधि परिसर में लहूलुहान अवस्था में मृत मिले थे. उनके सिर और शरीर पर पर काफी चोटें थीं. कमरे में खून फैला था. इससे मठ के अन्य संतों ने रात में किसी समय गिर जाने से मौत की आशंका जताकर योगी चैतन्यनाथ के शव को समाधि दे दी थी. हालांकि परिजनों के आशंका जताने पर पुलिस ने समाधि से निकालकर पोस्टमार्टम कराया था. जिसमें हत्या की पुष्टि हुई है. इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर तफ्तीश की बात कही है.
सात साल की उम्र में ली थी दीक्षा :सुनारी गांव निवासी मुन्ना मिश्रा ने अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी को बताया कि योगी चैतन्यनाथ उनके भाई थे. वे बिहार के जिला बेगूसराय के गांव सौखहरा के रहने वाले थे. वे सात साल की उम्र में आगरा के दरियानाथ मंदिर में बाबा बालकनाथ के संपर्क में आए थे. जिसके बाद उन्होंने बाबा बालकनाथ से दीक्षा ले ली थी. उन्हें लालनाथ समाधि मठ का महंत बनाया गया था. पांच साल से वहीं रह रहे थे. उनकी स्वभाविक मौत नहीं हुई थी. उनकी हत्या की गई थी.