लखनऊः सरोजनीनगर में एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे एक बुजुर्ग किसान की शुक्रवार को मौत हो गई. धरना स्थल पर मौत होने की सूचना पाकर अधिकारियों में खलबली मच गई. आनन-फानन पुलिस के साथ पहुंची सरोजनीनगर तहसीलदार ने परिजनों को आश्वासन देकर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
बता दें कि सरोजनीनगर में एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर कई दिनों कई किसानों का जमीन का अधिग्रहण किया गया था. जमीन को अपनी बताने के साथ मुआवजे की मांग को लेकर शांति नगर के पीछे किसान 23 अक्टूबर से लगातार धरना दे रहे हैं. इसी धरने में नवीन गौरी निवासी करीब 65 वर्षीय किसान जगमोहन सोनी भी शामिल थे. जगमोहन नवीन गौरी में झुग्गी झोपड़ी बनाकर परिवार सहित रहता थे. जगमनोहन रोज सुबह से शाम तक धरने पर रहते थे.
परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को जगमोहन धरने पर थे. दोपहर बाद करीब 3:30 बजे उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई. धरने में शामिल किसानों ने सूचना उसके परिजनों को दी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही जगमोहन ने दम तोड़ दिया. बाद में किसान के शव को धरना स्थल पर ले गए. इसके बाद पुलिस और तहसील प्रशासन को सूचना दी. सूचना के बाद सरोजनीनगर व बिजनौर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. जहां मृतक के परिजन मुआवजे की मांग पर अड़ गए. तब सरोजनीनगर तहसीलदार आकृति श्रीवास्तव को मौके पर बुलाया गया. मौके पर पहुंची तहसीलदार ने मृतक के परिवार को रहने के लिए आवास व सरकार से मिलने वाली अन्य सुविधाएं दिलाने का आश्वासन दिया.
आर्थिक स्थिति अत्यधिक खराब होने के कारण तहसीलदार ने तहसील प्रशासन की ओर से मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों को 12 हजार रुपये भी दिए. इसके बाद सरोजनीनगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
बताया जा रहा है कि जगमोहन की पत्नी मुन्नी की 15 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है. परिवार में दो बेटे विवाहित राजेंद्र सोनी और अविवाहित राहुल के अलावा शादीशुदा चार बेटियां लाली, सोनी, रानी और मन्ना हैं. सरोजनीनगर थाना प्रभारी राजदेव प्रजापति ने बताया कि जगमोहन सोनी की मौत उसके घर में हुई है. बाद में परिजन उसके शव को धरना स्थल उठा ले गए. शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है. मामले की जांच पड़ताल की जाएगी.
इसे भी पढ़ें-कैब ड्राइवर्स का परिवहन आयुक्त दफ्तर पर प्रदर्शन, एग्रीगेटर पॉलिसी लागू करने की मांग