जयपुर : वर्ष 2024 खेलों के लिहाज से राजस्थान में काफी चर्चा में रहा. खासकर राजस्थान की क्रिकेट और इससे जुड़ी सत्ता. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही राजस्थान की क्रिकेट में भी सत्ता परिवर्तन हो गई. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष वैभव गहलोत को हटाकर सरकार ने राजस्थान क्रिकेट की कमान अपने हाथों में ले ली. इसके साथ ही पहली बार ऐसा हुआ जब जयपुर में आयोजित होने वाले आईपीएल मुकाबलों की जिम्मेदारी सरकार ने अपने कंधों पर उठाई और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान रॉयल्स के साथ मिलकर आईपीएल का आयोजन करवाया. हालांकि, इसके बाद भी राजस्थान की क्रिकेट में स्थिरता नहीं आई और सरकार ने राजस्थान की क्रिकेट को चलाने के लिए एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया.
एमओयू खत्म, ताले लगे :एसएमएस क्रिकेट स्टेडियम और राजस्थान क्रिकेट अकेडमी का संचालन राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से किया जाता है और इसे लेकर खेल विभाग के साथ क्रिकेट एसोसिएशन एक एमओयू साइन करता है, अक्टूबर 2023 के बाद यह एमओयू खत्म हो गया और इसके बाद विधानसभा चुनाव होने के कारण क्रिकेट एसोसिएशन खेल विभाग के साथ दोबारा एमओयू नहीं कर पाया. विधानसभा चुनाव में भाजपा जब सत्ता में आई तब एमओयू खत्म होने के कारण खेल विभाग ने अकादमी और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के ऑफिस पर ताले लगा दिए गए. मामले को लेकर तत्कालीन अध्यक्ष वैभव गहलोत ने बयान भी जारी करते हुए कहा था कि हमने एमओयू एक्सटेंड करने के लिए कहा था, लेकिन किस वजह से एक्सटेंड नहीं हुआ इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. इसके बाद वैभव गहलोत को अपना ऑफिस खाली करना पड़ा था.
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में हुए कई बदलाव (ETV Bharat Jaipur) पढ़ें.राजस्थान क्रिकेट में भाजपा के मंत्री और विधायक के पुत्र की एंट्री, RCA की राजनीति हुई दिलचस्प
धनंजय की एंट्री :पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत दो बार राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे. इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले के साथ-साथ सफल आईपीएल का आयोजन भी किया. दूसरी बार वैभव गहलोत निर्विरोध निर्वाचित हुए थे, लेकिन राजस्थान में जैसे ही राजनीतिक सत्ता परिवर्तन हुई उसके तुरंत बाद सबसे पहले राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में वैभव गहलोत को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. वैभव गहलोत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. नागौर जिला क्रिकेट संघ और मौजूदा चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के पुत्र धनंजय सिंह खींवसर को कार्यवाहक अध्यक्ष चुना गया और कुछ समय के लिए उन्होंने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को चलाया.
धनंजय सिंह खींवसर को चुना गया RCA का कार्यवाहक अध्यक्ष (ETV Bharat Jaipur) आईपीएल का आयोजन :एमओयू खत्म हो जाने के कारण आईपीएल के आयोजन को लेकर संकट खड़ा हो गया था. ऐसे में सरकार ने आयोजन का जिम्मा अपने हाथों में लिया. इसके तहत राजस्थान रॉयल्स और खेल विभाग के बीच एक एमओयू साइन किया गया और आईपीएल का आयोजन करवाया. पहली बार जयपुर में आईपीएल का आयोजन सरकार की ओर से किया गया.
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कार्यकारिणी भंग, एडहॉक कमेटी बनाई :आईपीएल के आयोजन के बाद सरकार ने राजस्थान क्रिकेट संघ की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया और एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया गया. एडहॉक कमेटी में विधायक जयदीप बिहानी को संयोजक बनाया गया. इसके साथ ही तत्कालीन आरसीए कार्यवाहक अध्यक्ष धनंजय सिंह, पवन गोयल, रतन सिंह, हरीशचंद्र सिंह, धर्मवीर सिंह को कमेटी के सदस्य के रूप में शामिल किया गया. इसे लेकर रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव ने आदेश जारी किए. पहली बार ऐसा हुआ जब राजस्थान की क्रिकेट को लगभग 8 महीने से अधिक समय से एडहॉक कमेटी चला रही है. हालांकि कमेटी को राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव करवाने थे, लेकिन अभी भी चुनाव नहीं हो पाए हैं. मामले को लेकर पूर्व खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी सवाल उठाते हुए कहा था कि बीजेपी की सरकार चुनाव में विश्वास नहीं रखती है.