रुद्रप्रयाग: प्रसिद्ध मां सुरकंडा देवी डोली के उपासक आचार्य अजय बिजल्वाण तुंगनाथ क्षेत्र पहुंचे. जहां अजय बिजल्वाण ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड औषधियों का भंडार है और इन दैवीय औषधियों वाले स्थानों को पिकनिक स्पॉट बनाने से देवभूमि की सुंदरता पर दाग लग रहा है. जिसको लेकर सरकार को सोचने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि देवभूमि के रीति-रिवाज सबसे अद्भुत हैं.
तीर्थस्थल अब पिकनिक स्पॉट में तब्दील:मां सुरकंडा देवी डोली के उपासक आचार्य अजय बिजल्वाण ने बताया कि देवभूमि के तीर्थस्थल अब पिकनिक स्पॉट बनते जा रहे हैं. केदारनाथ, मदमहेश्वर और तुंगनाथ जैसे दिव्य शिव मंदिरों में लोग तीर्थ की भावना से नहीं, पिकनिक मनाने की भावना से आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देवभूमि के तीर्थ स्थलों को पिकनिक स्पॉट बनाने से यहां के सौंदर्य को खराब करने का काम किया जा रहा है. मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले चोपता-दुगलबिट्टा घूमने आने वाले पर्यटक तुंगनाथ धाम तक ट्रेकिंग कर रहे हैं और यहां खाने-पीने की चीजें छोड़कर जा रहे हैं. बुग्यालों (घास के मैदान) में प्लास्टिक कचरा फेंकने से भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
असामाजिक लोग प्रकृति की खूबसूरती को कर रहे खराब:आचार्य अजय बिजल्वाण ने बताया कि प्रकृति देवभूमि उत्तराखंड को सजा रही है, लेकिन कुछ असामाजिक लोगों के कारण प्रकृति की खूबसूरती खराब हो रही है. खाने-पीने की चीजों का उपयोग कर प्लास्टिक को सड़क किनारे या पेड़ के पीछे फेंका जा रहा है. उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में देवताओं ने इस धरती पर रहकर कई साल गुजारे हैं. उत्तराखंड से पूरे विश्व की सुरक्षा है और उत्तराखंड के घर-घर में देवी-देवताओं की कृपा है.