नई दिल्ली/गाजियाबाद:बुधवार को शारदीय नवरात्रि का 7वां दिन है. शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. नवरात्रि का सातवें दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान है. मां कालरात्रि मां पार्वती का उग्र रूप हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधि विधान से मां कालरात्रि की पूजा अर्चना करने से तंत्र-मंत्र के प्रकोप से मुक्ति मिलती है.
पूजा विधि: शारदीय नवरात्रि की सातवें दिन को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ सुथरे कपड़े पहने. घर के मंदिर को साफ करें और पूजा के स्थल की गंगाजल से शुद्धि करें. मां कालरात्रि की मूर्ति की स्थापना करें. मां के समक्ष घी का दीप जलाएं. पूजा का संकल्प करें. पूजा के दौरान गहरी नीले या फिर लाल रंग की वस्त्र धारण करें. पुष्प, धूप, दीप, नवैद्य आदि मां को चढ़ाए. विधि विधान से मां कालरात्रि की पूजा करें. पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. पूजा की समाप्ति के बाद मां की आरती करें. उनका प्रिय गुड़ से बनी चीजों का भोग अर्पित करें. पूजा के पश्चात परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरण करें. मां को शहद या शहद से बने पकवानों का भोग लगाएं.
पूजा का महत्व: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधि विधान से मां कालरात्रि की श्रद्धा भाव से आराधना करने से सभी प्रकार के रोग और दोष से मुक्ति मिलती है. तंत्र-मंत्र के असर से भी छुटकारा प्राप्त होता है. सभी प्रकार के संकट समाप्त होते हैं. घर में आर्थिक स्थिरता और संपन्नता का स्थायी वास होता है. मानसिक और शारीरिक शक्ति की प्राप्ति होती है.
मां कालरात्रि ध्यान मंत्र:धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां काली के ध्यान मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है.