दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की करें पूजा, यहां देखें पूजा विधि, आरती और मंत्र

Navratri 2024: नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा होती है. मां कालरात्रि मां पार्वती का उग्र रूप हैं.

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की ऐसे करें पूजा
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की ऐसे करें पूजा (Etv Bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद:बुधवार को शारदीय नवरात्रि का 7वां दिन है. शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. नवरात्रि का सातवें दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान है. मां कालरात्रि मां पार्वती का उग्र रूप हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधि विधान से मां कालरात्रि की पूजा अर्चना करने से तंत्र-मंत्र के प्रकोप से मुक्ति मिलती है.

पूजा विधि: शारदीय नवरात्रि की सातवें दिन को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ सुथरे कपड़े पहने. घर के मंदिर को साफ करें और पूजा के स्थल की गंगाजल से शुद्धि करें. मां कालरात्रि की मूर्ति की स्थापना करें. मां के समक्ष घी का दीप जलाएं. पूजा का संकल्प करें. पूजा के दौरान गहरी नीले या फिर लाल रंग की वस्त्र धारण करें. पुष्प, धूप, दीप, नवैद्य आदि मां को चढ़ाए. विधि विधान से मां कालरात्रि की पूजा करें. पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. पूजा की समाप्ति के बाद मां की आरती करें. उनका प्रिय गुड़ से बनी चीजों का भोग अर्पित करें. पूजा के पश्चात परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरण करें. मां को शहद या शहद से बने पकवानों का भोग लगाएं.

पूजा का महत्व: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधि विधान से मां कालरात्रि की श्रद्धा भाव से आराधना करने से सभी प्रकार के रोग और दोष से मुक्ति मिलती है. तंत्र-मंत्र के असर से भी छुटकारा प्राप्त होता है. सभी प्रकार के संकट समाप्त होते हैं. घर में आर्थिक स्थिरता और संपन्नता का स्थायी वास होता है. मानसिक और शारीरिक शक्ति की प्राप्ति होती है.

मां कालरात्रि ध्यान मंत्र:धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां काली के ध्यान मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है.

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

मां कालरात्रि आरती:

कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुंह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली मां जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि मां तेरी जय ॥

Disclaimer:खबर धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमन मिलने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद आवश्यक है. खबर केवल जानकारी के लिए है.

ये भी पढ़ें:

  1. शारदीय नवरात्रि: जानिए कितने साल की लड़की का करें कन्या पूजन
  2. रामलीला में केवट बने फेमस सिंगर शंकर साहनी ने मधुर अंदाज में गाया गीत

ABOUT THE AUTHOR

...view details