नई दिल्ली/गाजियाबाद: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी और तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. शनिवार, 5 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां चंद्रघंटा की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है और भय से मुक्ति मिलती है.
पूजा विधि: शारदीय नवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि के पश्चात साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर की साफ सफाई करें. पूजा के स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें. मां चंद्रघंटा की मूर्ति की स्थापना करें. मां के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करें. पुष्प, धूप, दीप, नवैद्य आदि मां को चढ़ाएं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा को खीर बेहद प्रिय है. मां को केसर और साबूदाने की खीर का भोग लगाएं. पूजा के पश्चात परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरण करें. विधि विधान से मां चंद्रघंटा की पूजा करें और पूजा के दौरान मां चंद्रघंटा के मित्रों का जाप और आरती करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. यदि किसी कारणवश ऐसा नहीं कर सकते हैं तो दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
माता चंद्रघंटा का पूजन मंत्र:मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करें. मां चंद्रघंटा की विधि विधान से पूजा करने से भक्ति को आर्थिक और सांसारिक दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है.
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।