सूरजपुर में खून जांच के लिए खोले जाएंगे तीन सेंटर, सिकल सेल के मरीजों को मिलेगी मदद - World Sickle Cell Day 2024
सूरजपुर में विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर जिला चिकित्सालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सिकल सेल को लेकर लोगों को जागरूक किया गया. साथ ही जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में तीन अन्य बल्ड सेंटर खोले जाएंगे. इससे सिकल सेल के मरीजों को राहत मिलेगी.
सूरजपुर:विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर सूरजपुर जिला चिकित्सालय परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान विधायक भूलन सिंह मंडावी और कलेक्टर रोहित व्यास सहित सिकल सेल बीमारी से ग्रसित मरीज मौजूद रहे. कार्य्रकम के दौरान सिकल सेल को लेकर लोगों को जागरूक किया गया. साथ ही जिले में तीन अन्य ब्लड सेंटर खोले जाने की बात कलेक्टर ने कही.
जिले में तीन नए ब्लड सेंटर खोले जाने की हो रही तैयारी: सिकल सेल के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विधायक बुलंद सिंह मरावी ने कहा, "जिले के डॉक्टर पूरी निष्ठा से अपना काम कर रहे हैं. जब भी किसी मरीज को खून की अगर कमी होती है, तो कार्यकर्ताओं की ओर से कैंप लगाकर जिला चिकित्सालय को ब्लड उपलब्ध कराया जाता रहा है.शासन प्रशासन स्तर पर इसके लिए भी पहल की जा रही है." इस संदर्भ में जिले के कलेक्टर रोहित व्यास ने बताया कि, "तीन अन्य ब्लड सेंटर खोले जाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही है. जल्द ही अन्य तीन स्वास्थ्य केंद्र में भी ब्लड सेंटर की व्यवस्था हो जाएगी.
आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व सिकल सेल दिवस ?: हर साल 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस मनाया जाता है. ये एक जेनेटिक बीमारी है. ये बीमारी माता-पिता से बच्चों में ट्रांसफर होती है. इसमें रेड ब्लड सेल्स में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. साथ ही सेल का आकार गोल नहीं बनता है. इस वजह से यह सेल आधे चांद या फिर हंसिए की तरह नजर आता है, इसलिए इसे सिकल सेल कहते हैं. इस बीमारी के कारण बच्चे के शरीर के ग्रोथ पर भी इफेक्ट पड़ता है. सही तरीके से बच्चे के शरीर को ग्रोथ नहीं होता. साथ ही दूसरे बच्चों की तुलना में उसकी इम्युनिटी भी कमजोर होती है. अगर समय पर इस बीमारी का इलाज न कराया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है. इस लिए लोगों की जागरूकता के लिए ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है.
बता दें कि जिलेभर में सिकल सेल के मरीजों की संख्या काफी अधिक है. इस बीमारी में इंसान के शरीर में रक्त की कमी हो जाती है. मरीज को हर माह खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में अक्सर मरीजों को ब्लड के लिए दो-चार होना पड़ता है. यही कारण है कि जिले में तीन और ब्लड सेंटर खोलने की व्यवस्था की जा रही है.