हजारीबाग: रक्तदान महादान. हजारीबाग में एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने रक्तदान कर 92 लोगों की जान बचाई है. वे हजारीबाग और चतरा जिले में सबसे ज्यादा बार रक्तदान करने वाले शख्स के तौर पर जाने जाते हैं. उनका नाम है निर्मल जैन. महज कुछ दिनों बाद वे 93वीं बार रक्तदान करने जा रहे हैं. इतना ही नहीं, वे 1 लाख से ज्यादा लोगों को रक्त मुहैया करा चुके हैं. वे 2000 से ज्यादा शिविर लगाकर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर चुके हैं. निर्मल जैन द्वारा विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों में मोटिवेशन कैंप भी लगाए जाते हैं ताकि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जा सके.
निर्मल जैन एक ऐसा नाम है जो हजारीबाग में काफी प्रचलित है. किसी को भी रक्त की जरूरत होती है तो वे निर्मल जैन को फोन करते हैं. उनका मोबाइल फोन सुबह 7 बजे से 9 बजे तक बंद रहता है क्योंकि वे इस दौरान प्रार्थना करते हैं. इसके बाद से रातभर उनका मोबाइल फोन चालू रहता है. अस्पताल उनके लिए मंदिर की तरह है जहां वे हर दिन चार से पांच बार जाते हैं. दिनभर किसी न किसी व्यक्ति को रक्त उपलब्ध कराने का उन्होंने बीड़ा उठा रखा है.
निर्मल जैन बताते हैं कि यह अभियान करीब 45 साल पहले शुरू किया गया था. जब एक महिला को रक्त की जरूरत थी और उसके परिवार के सदस्य और मोहल्ले के लोग रक्तदान करने से डर रहे थे. उस दिन उन्होंने रक्तदान कर महिला की जान बचाई और तब से यह अभियान निरंतर जारी है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए निर्मल जैन कहते हैं कि उन्हें 45 सालों से सिर में दर्द भी नहीं हुआ. शायद ये चमत्कार इसलिए हुआ है क्योंकि उन्हें 92 लोगों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है. उनका ये भी कहना है कि रक्तदान करने से शरीर में नया खून बनता है. जिससे खून पतला रहता है और हार्ट अटैक की संभावना काफी कम हो जाती है.
उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है. रक्तदान करने से व्यक्ति की जान बचती है. इस कारण हर व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रक्तदान को महादान कहा जाता है. रक्तदान पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कई लोगों की जान बचती है. सर्जरी में, कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के दौरान रक्त की जरूरत काफी बढ़ जाती है.