जयपुर : दीपावली पर कोई अपने घर को सजा रहा है, कोई बाजारों को रोशन करने में जुटा है. वहीं, बुधवार को महिलाओं ने दीपावली की साफ-सफाई खत्म करके अपने लिए समय निकाला. मौका रूप चतुर्दशी का है तो घर और ऑफिस के काम में मशगूल रहने वाली महिलाएं रूप चतुर्दशी पर्व मनाने और खुद को संवारने लिए ब्यूटी सलून पहुंची. यहां महिलाओं ने पारंपरिक हल्दी केसर से बने उबटन, आर्गेनिक और नेचुरल प्रोडक्ट्स पर ही फोकस किया.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रूप चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार करके उसकी कैद से 16000 महिलाओं और युवतियों को बचाकर उन्हें सौंदर्य, रूप और सतीत्व प्रदान किया था. यही वजह है कि रूप चतुर्दशी पर आज भी महिलाएं अपने सौंदर्य और रूप को निखारते हुए त्योहार को सेलिब्रेट करने के लिए तैयार होती हैं. ऐसे में बुधवार को किसी ने घर में ही आटे और हल्दी का उबटन बनाकर लगाया, तो किसी ने ब्यूटी सलून का रुख किया. हालांकि, यहां भी उन्होंने अपने शृंगार में ऑर्गेनिक और नेचुरल प्रोडक्ट से फेशियल और मेकअप कराने पर फोकस किया.
रूप चतुर्दशी पर खुद को संवारने ब्यूटी सलून पहुंची महिलाएं. (ETV Bharat Jaipur) इसे भी पढ़ें-Rajasthan: रूप चौदस: ब्यूटी पार्लर और सैलून्स में रौनक, विदेशी बालों में दुल्हन के परिधान और मेकअप करवाने का क्रेज
ऑर्गेनिक और हर्बल प्रोडक्ट का इस्तेमाल : ब्यूटी एक्सपर्ट पूर्णिमा गोयल ने बताया कि रूप चतुर्दशी पर जब महिलाएं यहां सजने-संवरने के लिए पहुंची तो उनकी कोशिश यही है कि उन्हें क्विक लाइट मेकअप दिया जाए. साथ ही हेयर स्टाइल भी इस तरह का दिया जा रहा है कि उनका पूरा फेस्टिव सीजन निकल सके. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके पास पहुंचने वाली महिलाओं को ऑर्गेनिक और हर्बल प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हुए फेशियल और मेकअप दिया गया है. इसमें घर में बने हुए उबटन से बॉडी स्क्रब कर पॉलिशिंग की गई है. इसके अलावा गुलाबों की पत्तियों, केसर, हल्दी, चंदन का उपयोग करते हुए फेशियल किया गया है, क्योंकि बीते दिनों दीपावली की साफ-सफाई में महिलाओं की त्वचा में डलनेस थी. इस फेशियल से उन्हें ग्लो देने का प्रयास किया है, ताकि उनकी त्वचा पूरे फेस्टिवल सीजन तक चमकती रहे.
वहीं, जयपुर की महिलाओं ने बताया कि माता लक्ष्मी की बहन दरिद्रा को महालक्ष्मी स्वरुप बनकर के ही विदा किया जा सकता है और हिंदू धर्म में महिलाओं को ही घर की लक्ष्मी भी कहा जाता है. ऐसे में लक्ष्मी के स्वागत और दरिद्रा को विदा करते हुए घरों को साफ- सुथरा कर सजाया गया और अब खुद को निखारने के लिए ब्यूटी सलून का रुख किया है. उन्होंने बताया कि यहां पहुंचने वाली महिलाओं में कोई ग्रहणी है, कोई वर्किंग वुमन है. सभी के पास अपने-अपने काम रहते हैं. भाग-दौड़ भरी जिंदगी रहती है. उसे पीछे छोड़ते हुए एक दिन खुद को संवारने के लिए निकाला है