रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र की शुरुआत सोमवार 16 दिसंबर से हुई. सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर धान खरीदी को लेकर हमला बोला. सदन में कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में धान खरीदी में अनियमितता का मुद्दा उठाया गया. कांग्रेस ने साय सरकार पर आरोप लगाया कि धान खरीदी मे अनियमितता से धान किसान परेशान हो रहे हैं. सत्ता पक्ष ने इन दावों का खंडन किया.
शून्यकाल में उठा धान खरीदी का मुद्दा: सदन में शून्यकाल के दौरान धान खरीदी में बदइंतजामी को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार पर सवाल दागे. उन्होंने धान खरीद पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव नोटिस पेश किया. विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार किया और चर्चा की इजाजत दी. इस चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर धान खरीदी को लेकर सवाल पूछना शुरू किया. नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और बघेल ने दावा बघेल सरकार को लेकर बड़ा दावा किया. दोनों नेताओं ने कहा कि विष्णुदेव साय सरकार खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की उचित खरीद करने में फेल साबित हुई है.
धान खरीदी पर विपक्ष के तेवर सख्त: कांग्रेस ने धान खरीदी को लेकर साय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस साल 27.78 लाख पंजीकृत किसान हैं. प्रदेश में 15 दिसंबर तक सिर्फ 10.66 लाख किसानों से सिर्फ 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. खरीदे गए धान का उठाव नहीं हो पा रहा है. कई केंद्रों पर धान की खरीदी बंद कर दी गई है.