शिमला: हाल ही में विक्रमादित्य सिंह ने बयान दिया था कि हिमाचल में भी यूपी की तर्ज पर स्ट्रीट वेंडर्स को अपनी दुकान के बाहर अपनी आईडी लगानी होगी. इस बयान के बाद विक्रमादित्य सिंह को दिल्ली तलब किया गया था. बताया जा रहा है कि हाईकमान उनके बयान से खुश नहीं है. पार्टी और सरकार ने भी उनके बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया है.
बीते कल केसी वेणुगोपाल के साथ उनकी स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर दिए गए बयान को लेकर बैठक भी हुई थी. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी दिल्ली में मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस विक्रमादित्य सिंह को उनसे अपना बयान वापस लेने के लिए कह रही है, क्योंकि उनका बयान पार्टी लाइन से मेल नहीं खाता है, लेकिन विक्रमादित्य सिंह प्रदेश के हितों की सुरक्षा की बात कहकर अभी तक अपनी बात पर डटे हैं और अभी तक अपने बयान से पीछे हटने वाली बात नहीं कही है.
इसी बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है कि विक्रमादित्य सिंह मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. अनिरुद्ध सिंह ने भी विधानसभा में संजौली मस्जिद और अवैध घुसपैठियों और रोहिंग्या को लेकर बात की थी, लेकिन हाईकमान से मिली फटकार के बाद उनका स्टैंड बदल गया था, लेकिन विक्रमादित्य सिंह अपने स्टैंड पर अभी तक कायम हैं. इस्तीफे की खबरों पर न्यूज एजेंसी ANI से विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, 'ये सब निराधार और चंडूखाने की खबरें हैं ना तो मीडिया को इन खबरों पर ध्यान देना चाहिए और न ही मुझे इस बारे में कुछ बोलने की जरूरत है.'