हमीरपुर: दिल्ली में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनावों में हराकर ढाई दशकों के बाद सत्ता में वापसी की है. शनिवार को जारी दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. दिल्ली में मिली जीत पर हिमाचल में भी बीजेपी नेताओं ने खूब जश्न मनाया.
बीजेपी की जीत पर हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि, 'दिल्ली में भाजपा की जीत केंद्र की मोदी सरकार की लोकप्रियता को दर्शाती है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने काफी समय तक राज किया, लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार के अलावा जनता को कुछ नहीं दिया है. आखिरकार दिल्ली की जनता ने भी केजरीवाल को आईना दिखाया है. भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर देश के अधिकांश राज्यों में बीजेपी की सरकारें बनी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार अपना संकल्प धरातल पर उतारा है, उससे आम जनमानस काफी प्रभावित हुआ है.'
'हिमाचल में जनता के भरोसे पर खरा नहीं उतरी कांग्रेस'
पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि, 'हिमाचल प्रदेश में जब-जब भाजपा की सरकार सत्ता में आई है, प्रदेश के विकास को नए पंख लगे हैं. पिछले चुनाव में प्रदेश वासियों ने कांग्रेस को सत्ता में आने का मौका जरूर दिया, लेकिन प्रदेश कांग्रेस सरकार जनता के भरोसे पर खरी नहीं उतरी है. आए दिन पैसा न होने का रोना कांग्रेस सरकार के नेता रोते रहते हैं, लेकिन जह फिजूलखर्ची की बात आती है तो अपने चहेतों को उच्चे पदों पर बिठाने से कोई परहेज नहीं करते हैं. कांग्रेस की नीतियां सदैव जनता विरोधी रही हैं एवं उन्हें आम जनमानस से कोई सरोकार नहीं है. दिल्ली में जिस प्रकार भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है, उससे आम आदमी पार्टी को तो झटका लगा ही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी की तो लुटिया ही डूब गई है. स्वयं को देश की सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली कांग्रेस की देश की राजधानी में एक भी सीट नहीं आई है, जोकि जनता में कांग्रेस की छवि को दर्शाता है.'
दिल्ली में अब रुके हुए विकास कार्यों को मिलेगी गति
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'मोदी के नेतृत्व में देश आर्थिक तौर पर सुदृढ़ हुआ है. आम जनमानस से जुड़े मुद्दों को भी केंद्र सरकार ने समय-समय पर सुलझाया है. दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने से अब राजधानी में रुके हुए विकास को नई गति मिलने जा रही है, जिन जनहितैषी नीतियों को धरातल पर उतारने में जो परेशानियां दिल्ली में आती थीं, वो अब नहीं रहेंगी.'