नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को जमानत दे दी. जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि जमानत के नियम और शर्तें निचली अदालत द्वारा तय की जाएगी. साथ ही इस मामले में ईडी द्वारा दी गई रियायतों को दूसरे मामले के लिए मिसाल नहीं माना जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले की योग्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है.
कोर्ट में संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से उनकी जमानत का विरोध नहीं किया गया. ईडी की ओर से कहा गया कि अगर कोर्ट द्वारा संजय सिंह को जमानत दी जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी. अब सिंह को जमानत मिलने के बाद यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि इसी मामले से जुड़े दूसरे मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री केजरीवाल व विजय नायर को जमानत नहीं मिल रही है. अब उन्हें भी संजय सिंह की जमानत को आधार बनाकर जमानत मिल सकेगी.
लेकिन, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सुनीता भारद्वाज का कहना है कि कोर्ट द्वारा जमानत देने का कोई एक निश्चित सिद्धांत नहीं है. जमानत देना मामले की प्रकृति, आरोपी की स्थिति और व्यक्ति की प्रभावशीलता, दूसरे पक्ष के विरोध, उसकी दलीलों व अन्य बहुत सारी महत्वपूर्ण चीजों पर निर्भर करता है. सुप्रीम कोर्ट या किसी भी कोर्ट द्वारा जमानत देने का कोई निश्चित सिद्धांत नहीं है. जमानत मिलना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है. इसलिए यह जरूरी नहीं है कि शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में संजय सिंह को जमानत मिलने के बाद अब अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया को जमानत मिलना निश्चित है.