नई दिल्ली: प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ दिल्ली की जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल कल भी जारी रहेगी. वकील प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल, 2025 के विरोध में हड़ताल पर हैं. आज दिल्ली की सभी निचली अदालतों वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया, जिसकी वजह से मामले में सुनवाई नहीं हो सकी और पक्षकारों को केवल डेट ही मिली.
दिल्ली में हड़ताल का आह्वान कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल बार एसोसिएशंस ऑफ दिल्ली ने किया है. कोआर्डिनेशन कमेटी के मुताबिक एडवोकेट अमेंडमेंट बिल वकीलों की गरिमा और स्वतंत्रता पर हमला है. कोआर्डिनेशन कमेटी ने दिल्ली की निचली अदालतों के न्यायिक अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे वकीलों की अनुपस्थिति में कोई भी प्रतिकूल आदेश जारी नहीं करें. कोआर्डिनेशन कमेटी का कहना है कि प्रस्तावित ड्राफ्ट बिल के जरिये वकीलों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. और इससे बार एसोसिएशंस की ताकत को कम करने की कोशिश की जा रही है.
एडवोकेट अमेंडमेंट बिल का ड्राफ्ट: बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में एडवोकेट अमेंडमेंट बिल का ड्राफ्ट जारी किया है. केंद्र सरकार ने इस ड्राफ्ट बिल पर सभी पक्षों के सुझाव मांगे हैं. इस बिल में वकीलों को न्यायिक कार्यों के बहिष्कार या हड़ताल करने या काम से दूर रहने से रोकने का प्रावधान है. इस अमेंडमेंट बिल की धारा 35ए वकीलों को न्यायिक कार्यों के बहिष्कार करने के अधिकार को रोकता है. इसके अलावा अमेंडमेंट बिल के मुवक्किलों की ओर से दिए गए दस्तावेज अगर फर्जी पाए गए तो उसकी जिम्मेदारी वकील की होगी. ये भी प्रस्ताव दिल्ली में वकीलों के विरोध की एक वजह है.
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