अगर पूर्वज होंगे नाराज तो नहीं आएगी घर में खुशहाली, 'आत्मा' देती है गलती सुधारने के आपको संकेत - Ancestors give signals when angry
क्या आपके परिवार से भी खुशहाली गायब हो चुकी है. आपके जीवन में भी शांति और सुख समृद्धि का वास नहीं हो रहा है. अगर ऐसा है तो फिर ये जान लीजिए कि आपके पूर्वज आपसे नाराज हैं.
रायपुर: परिवार में कई बार पूर्वजों की नाराजगी की वजह से घर में खुशहाली और सुख समृद्धि नहीं आती. पूर्वज कुछ ऐसे संकेत देते हैं जिसके कारण घर परिवार में कई तरह की समस्या और परेशानी खड़ी हो जाती है. ऐसे में पूर्वजों की नाराजगी को दूर करने के लिए शास्त्र में कई तरह के उपाय बताए गए हैं. पूर्वजों की नाराजगी को दूर करने के लिए पितरों का श्राद्ध किया जाता है. खानदान या कुल में पूर्वजों की अगर मुक्ति ना हुई है तो पूर्वज नाराज हो जाते हैं, प्रेतत्व में पड़े रहते हैं. ऐसे में पितृ दोष लगता है. इस पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए पितरों का श्राद्ध कराना जरूरी होता है. इसके साथ ही और भी कई उपाय हैं जिनको करने से पितरों की नाराजगी दूर होती है.
कैसे दूर होगी पितरों की नाराजगी:ज्योतिष एवम वास्तुविद पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि "गरुड़ पुराण में ऐसा उल्लेख है कि पिता प्रसन्न हो दादा प्रसन्न हो तो जातक को हर प्रकार की सुख शांति समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. हमारे यहां पितरों का श्राद्ध किया जाता है. बार-बार उत्पन्न होने वाले नरकों से जो बचाए उसका नाम पुत्र है. ऐसे में यदि पिता या पूर्वज प्रसन्न नहीं हैं तो स्वाभाविक है वह नाराज होंगे.''
पितरों के तर्पण से बढ़ती है खुशहाली (ETV Bharat)
''यदि कुल या वंश में पूर्वज की मुक्ति नहीं हुई है तो वह नाराज हो जाते हैं, जो प्रेतत्व में पड़ा हो इससे पितृ दोष लगता है. पितृ दोष के कई कारण हो सकते हैं. लगातार 3 सालों तक पितृ श्राद्ध नहीं करते हैं, तो पितृ दोष लगता है. घर में किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो भी पितृ दोष लगता है. किसी भी श्रापित संपत्ति का भोग करते हैं तो भी पितृ दोष लगता है. कोई मरते समय श्राप दे दे या हम किसी की मृत्यु के कारण बन जाते हैं तो भी पितृ दोष लगता है."- पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिष एवम वास्तुविद, रायपुर
पितृ दोष से संतान पक्ष को हो सकती है बाधा: पितृ दोष लगने के कारण या पूर्वजों की नाराजगी के लक्षण में आपके घर में संतान बाधा हो सकती है. जातक के घर में अगर संतान पैदा हो जाता है और उसके बाद स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होना भी एक लक्षण है. इसके साथ ही बच्चा पढ़ाई ना कर पाए, स्वस्थ ना रह पाए, इस तरह के लक्षण भी देखने को मिलते हैं. जातक के जीवन में आगे चलकर धन की कमी दिखाई पड़े तो भी समझें यह भी एक पितृ दोष का लक्षण है. इसके साथ ही जितने भी शुभ और मांगलिक कार्यों में अगर बाधाए उत्पन्न होती है तो भी यह लक्षण पितृ दोष के कहलाते हैं. इसके साथ ही कोई भी पर्व या त्योहार में किसी तरह की कोई बड़ा अवरोध दिखाई पड़े तो समझ लीजिए कि पितृ दोष के लक्षण हैं. इसके साथ ही स्वप्न में पितृ दिखाई दें तो भी वह पितृ दोष कहलाता है.
नोट:यहां कही और लिखी गई सभी बातें पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी जो ज्योतिष एवं वास्तुविद के जानकार हैं उनके द्वारा कही गई है.