रांची: झारखंड की राजनीति खास कर झामुमो में कल्पना सोरेन का कद बढ़ता ही जा रहा है. हेमंत सोरेन जब जेल गए थे, तब इन्होंने जिस तरह से पार्टी संभाली थी उससे कार्यकर्ता काफी खुश थे. इतना ही नहीं चुनावों में भी कल्पना सोरेन ने अपनी कुशलता दिखाई और ना सिर्फ अपनी सीट जीतने में कामयाब रहीं बल्कि अन्य कई सीटों पर भी इनके प्रचार का असर दिखा.
ओडिशा में हुआ कल्पना सोरेन का जन्म
कल्पना सोरेन का जन्म 3 मार्च 1976 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने एमबीए किया इसके साथ ही वे इंजीनियरिंग में भी ग्रेजुएट हैं. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जब उन्होंने पार्टी की कमान संभाली थी तो किसी को भी अहसास नहीं था कि वे बेहद कम समय में इतनी परिपक्व हो जाएंगी.
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में स्टार प्रचारक बनीं
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में भी कल्पना सोरेन झामुमो के लिए एक स्टार प्रचारक के रूप में उभरीं. प्रचार के लिए उनकी मांग ना सिर्फ झामुमो नेता कर रहे थे, बल्कि गठबंधन के नेताओं ने भी अपने लिए प्रचार करने की अपील उनसे की थी. कल्पना ने इस चुनाव में कितनी मेहनत की थी इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने करीब 100 सभाएं की थीं.
स्थानीय भाषा के साथ हिंदी और अंग्रेजी में जबरदस्त पकड़
झामुमो में कल्पना सोरेन एक ऐसी नेता हैं जिनकी स्थानीय भाषा के अलावा हिंदी और अंग्रेजी में भी शानदार पकड़ है. अपने कार्यकर्ताओं या फिर लोगों को जब वे संबोधित करती हैं तो उनकी तेज तर्रार शैली से हर कोई प्रभावित हो जाता है. कल्पना सोरेन एक सकारात्मक भाव-भंगिमा के साथ खुद को व्यक्त करती हैं. उनके भाषण देने के तरीके और शब्दों के चयन से भीड़ उनकी ओर खींचती चली जाती है. उनके भाषणों और उनके काम करने के तरीके ने ही झारखंड विधानसभा चुनाव में उन्हें एक लोकप्रिय नेता बना दिया. कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में कल्पना सोरेन ना सिर्फ झामुमो बल्कि झारखंड की ही सबसे शानदार महिला नेता बनकर उभरी हैं. उनका कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ बहुत अच्छा समन्वय है.