पटना:समय के साथ जब सभी चीजों में बदलाव आया तो बिजली विभाग ने भी कुछ नया करने की सोची. अब नए स्मार्ट मीटर को लगवाने के बाद लोग जितना रिचार्ज करते हैं, उतने का बिजली यूज करते हैं. दरअसल, पहले के समय में आपने बिजली मीटर को घर के अंदर ही लगता था और महीने भर बिजली का इस्तेमाल करने के बाद उसका बिल आता था. इसके बाद लोग बिजली ऑफिस में जाकर बिल पे करते थे. बाद में लोग ऑनलाइन भी बिल का पेमेंट करने लगे.
नेटवर्क प्रॉब्लम नहीं होता है:दरअसल, हम बात कर रहे हैं आखिर स्मार्ट मीटर घर के बाहर क्यों लगाया जाता है. मसौढ़ी अनुमंडल के एक्सक्यूटिव इंजीनियर पवन कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर घर के बाहर क्यों लगवाना चाहिए? उन्होंने बताया कि जब स्मार्ट मीटर घर के अंदर होता है, तो कई बार इसमें नेटवर्क प्रॉब्लम आने लगती है. रिचार्ज के बाद नेटवर्क ना होने की वजह से बिजली नहीं आती. ऐसे में जब मीटर बाहर लगता है तो रिचार्ज करने के तुरंत बाद बिजली आ जाती है.
रिचार्ज में कोई भी टेक्नीकल प्रॉब्लम नहीं आएगी:उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील करते हुए कहा कि कभी भी मीटर को घर के अंदर ना लगवाएं. इससे काफी टेक्नीकल प्रॉब्लम्स आने लगती है. लोग मीटर रिचार्ज होने के बाद भी अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होते हैं. घर में बिजली नहीं आ पाती है, लेकिन अगर आपने मीटर बाहर लगवाई है तो आराम से एक या दो मिनट के अंदर ही बिजली आ जाएगी. रिचार्ज में कोई भी टेक्नीकल प्रॉब्लम नहीं आएगी.
मसौढ़ी में लगा 50% स्मार्ट मीटर: मसौढ़ी की बात करे तो शहर मे 95 हजार बिजली उपभोक्ता है और ग्रामीण क्षेत्र मे 1 लाख 15 हजार है जहाँ अब तक शहरो मे 50% स्मार्ट मीटर लगाई जा चुकी है. इसके अलावा प्रत्येक दिन स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य चल रहा है.
"कभी भी मीटर को घर के अंदर ना लगवाएं. इससे काफी टेक्नीकल प्रॉब्लम्स आने लगती है. लोग मीटर रिचार्ज होने के बाद भी अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होते हैं. घर में बिजली नहीं आ पाती है. लेकिन अगर आपने मीटर बाहर लगवाई है तो आराम से एक या दो मिनट के अंदर ही बिजली आ जाएगी. रिचार्ज में कोई भी टेक्नीकल प्रॉब्लम नहीं आएगी."-पवन कुमार, एक्सक्यूटिव इंजीनियर, मसौढ़ी अनुमंडल
क्या है स्मार्ट मीटर और क्या हैं इसके फायदे?: स्मार्ट मीटर डिजिटल डिवाइस है जो प्रति घंटे या उससे कम अंतराल पर बिजली के उपयोग को रिकॉर्ड करते हैं. यह मॉनिटरिंग और इनवॉइस के लिए दिन में कम से कम एक बार यूटीलिटी को यह जानकारी भेजते हैं. पारंपरिक मीटरों के विपरीत स्मार्ट मीटर रियल टाइम में ऊर्जा उपयोग के आंकड़े देते हैं. यह कैपेसिटी अधिक सटीक चालान, बेहतर एनर्जी मैनेजमेंट और ग्राहकों के बीच बेहतर संचार की अनुमति देते हैं. इससे कंज्युमर को कई फायदे होते हैं.