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अपने ही गढ़ में क्यों हार गए भव्य बिश्नोई? आदमपुर विधानसभा सीट पर 56 साल बाद टूटा रिकॉर्ड

Why did Bhavya Bishnoi lose? आदमपुर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार भव्य बिश्नोई को हार का सामना करना पड़ा. जानें इसकी बड़ी वजह.

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 5 hours ago

Why did Bhavya Bishnoi lose
Why did Bhavya Bishnoi lose (Bhavya Bishnoi Social Media X)

हिसार: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई नतीजे चौंकाने वाले रहे. इनमें से एक नतीजा आदमपुर विधानसभा सीट का था. इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार भव्य बिश्नोई को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रप्रकाश ने उनको 1268 वोटों से हरा दिया. कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र प्रकाश को 65371 और बीजेपी उम्मीदवार भव्य बिश्नोई को 64103 वोट मिले.

अपने ही गढ़ में हारे बीजेपी उम्मीदवार भव्य बिश्नोई: भव्य बिश्नोई की इस हार के साथ 56 साल का रिकॉर्ड टूट गया. दरअसल बीते 56 साल से आदमपुर विधानसभा सीट से पूर्व सीएम भजनलाल और उनके परिवार के सदस्य ही जीत रहे थे, लेकिन इस बार कांग्रेस के चंद्रप्रकाश ने इस किले में सेंध लगा दी. जिसके चलते पूर्व सीएम भजनलाल के पोते और बीजेपी उम्मीदवार भव्य बिश्नोई पैतृक सीट नहीं बचा पाए.

आदमपुर विधानसभा सीट के नतीजे (Etv Bharat)

कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र प्रकाश जीते: कांग्रेस के चंद्र प्रकाश पूर्व आईएएस अधिकारी रहे हैं. वो हरियाणा कांग्रेस कमेटी की दस्तकार एवं शिल्पकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, कांग्रेस की राज्य चुनाव घोषणा पत्र समिति के सदस्य सचिव, राज्य कार्यक्रम निर्धारण समिति के सदस्य हैं. हिसार और आदमपुर के राजनीतिक हलके में चंद्र प्रकाश कोई बड़ा चेहरा नहीं थे. फिर भी उन्होंने भव्य बिश्‍नोई को पटखनी दे दी.

चुनाव प्रचार में रही चूक! बड़ी बात ये है कि आदमपुर विधानसभा सीट में 55 गांव आते हैं. जिनमें से 33 गांवों में ने कांग्रेस की जीत हुई. इसका मुख्य कारण चुनाव प्रचार माना जा रहा है. भव्य बिश्नोई के लिए प्रचार करने के लिए चुनावी कैंपेन में कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा. जिसके चलते उनका प्रभाव कम रहा. हरियाणा की ज्यादातर हॉट सीटों पर सीएम नायब सैनी ने रैलियां की. पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई को आत्मविश्वास था कि उनका बेटा आसानी से जीत हासिल कर लेगा. यही आत्मविश्वास उन पर भारी पड़ा.

लोगों की नाराजगी पड़ी भारी? पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई आज तक स्वर्गीय चौधरी भजनलाल के नाम से वोट मांगते हैं. वो खुद का अपना वोट बैंक अलग से नहीं बना पाए. लोगों कहना है कि कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई चुनाव जीतने के बाद लोगों के बीच नहीं आते. जीत के बाद क्षेत्र के लोगों के पास आने की बजाए वो दिल्ली में रहते हैं. इस बात को लेकर भी लोगों की नाराजगी थी. लोगों का कहना है कि वो कुलदीप बिश्नोई के पास फोन मिलते रहे, लेकिन उन्हें कोई रिप्लाई नहीं मिलता. आदमपुर में पहले समय में जो विकास कार्य होते थे. अब नहीं होते. भले ही कुलदीप बिश्नोई कहते रहे कि आदमपुर में उन्होंने आठ सौ करोड़ रुपये के विकास कार्य करवाए हैं, ये विकास कार्य लोगों को नहीं दिखे.

ओबीसी वोट लेने में कामयाब हुए कांग्रेस उम्मीदवार: एक तरफ कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई ने चुनाव प्रचार के किसी बड़े बीजेपी नेता को नहीं बुलाया. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र प्रकाश के पक्ष में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, सांसद जयप्रकाश, अभिनेता राज बब्बर ने चुनाव प्रचार किया. चंद्र प्रकाश जांगडा समाज यानी ओबीसी से संबंध रखते है. लिहाजा वो ओबीसी वोट बैंक लेने में कामयाब रहे.

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