रांची: धनबाद लोकसभा सीट से पीएन सिंह का टिकट काटकर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को प्रत्याशी बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ढुल्लू महतो के खिलाफ 49 आपराधिक मामलों का हवाला देते हुए सरयू राय के सवाल उठाने से मामला और गरमा गया है. नौबत ऐसी आन पड़ी है कि प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को ढुल्लू के बचाव में उतरना पड़ा. उन्हें कहना पड़ा कि ढुल्लू पर दर्ज केस को कोर्ट देख रहा है. सरयू राय जी जज नहीं हैं. इधर, झामुमो ने यह कहकर एक और बहस छेड़ दी है कि अगर कांग्रेस ने सरयू राय को धनबाद में टिकट दिया तो पार्टी पूरा समर्थन करेगी.
अब सवाल है कि क्या 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड में जो माहौल बना था, क्या वही स्थिति इसबार ढुल्लू महतो की वजह से लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिल सकती है. क्योंकि यही सरयू राय थे, जिन्होंने रघुवर दास को मुख्यमंत्री रहते उनके गढ़ कहे जाने वाले जमशेदपुर पूर्वी सीट पर पटखनी दे दी थी. उस चुनाव में 65 पार का नारा देने वाली भाजपा 25 सीट पर सिमट गई थी.
जहां तक लोकसभा चुनाव की बात है तो इसे भाजपा, पीएम मोदी और उनकी गारंटी के नाम पर लड़ रही है. ऐसे में राज्य की 14 में से 11 सीटें जीतने वाली भाजपा के खिलाफ ढुल्लू महतो की वजह से अगर नुकसान हुआ तो उसका ठिकरा किसके सिर पर फूटेगा. क्या सरयू राय इस विवाद की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाह रहे हैं. इन सवालों का जवाब जानने के लिए राजनीतिक के जानकारों से चर्चा की गई.
ढुल्लू का चयन भाजपा की नीति के खिलाफ - बैद्यनाथ मिश्रा
वरिष्ठ पत्रकार बैद्यनाथ मिश्रा ने साफ शब्दों ने कहा कि भाजपा ने ढुल्लू महतो को टिकट देकर बहुत बड़ी गलती की है. भाजपा जिस पवित्रता की बात करती है, इससे पार्टी की जगहंसाई हुई है. भाजपा के पास धनबाद में अच्छे अच्छे प्रत्याशी हैं. अगर विधायकों में से ही बनाना था तो बिरंची नारायण या राज सिन्हा को बना सकते थे. जब रीता वर्मा धनबाद से भाजपा की सांसद हो सकती हैं तो राज सिन्हा क्यों नहीं.
उन्होंने सरयू राय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी दिली ईच्छा है कि सरयू राय धनबाद से ढुल्लू के खिलाफ चुनाव लड़ें. क्योंकि अगर अब उनको ढुल्लू महतो अपराधी नजर आ रहे हैं तो बतौर विधायक उन्होंने इस मामले को सदन में क्यों नहीं उठाया. वरिष्ठ पत्रकार बैद्यनाथ मिश्रा ने कहा कि सरयू राय को अच्छी तरह याद होगा कि चंद्रशेखर जब प्रधानमंत्री थे तो सूर्यदेव सिंह से मिलने आए थे. सूर्यदेव सिंह क्या थे, यह किसी से छिपा नहीं है.
बाबूलाल मरांडी की देन हैं ढुल्लू - बैद्यनाथ मिश्रा
वरिष्ठ पत्रकार बैद्यनाथ मिश्रा ने कहा कि ढुल्लू महतो कंघी छाप हैं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी कंघी छाप हैं. इसबार कंघी छाप वालों को ज्यादा तरजीह दी गई है. प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी का कोई वैल्यू नहीं है. यहां दादागिरी चलती है. यह परिलक्षित हो गया कि जिस बाघमारा के विधायक को प्रत्याशी बनाया गया है, वह सीट तो गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में आती है. धनबाद से बाघमारा सीट का कोई लेना देना तक नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी को अहंकार हो गया है. मोदी जी कब तक सेवेंगे. इसका पता उनके जाने के बाद देखने को मिलेगा. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति वोट मिला था. उसके बाद कांग्रेस कभी बहुमत नहीं ला सकी. उन्होंने कहा कि मैं लिखकर दे रहा हूं कि नरेंद्र मोदी के बाद भाजपा को खड़ा होना मुश्किल हो जाएगा. ढुल्लू महतो सिर्फ और सिर्फ बाबूलाल मरांडी की देन हैं, भाजपा की नहीं.