पलामूः उत्पाद सिपाही की दौड़ में लगातार अनहोनी देखने को मिल रही है. पलामू के चियांकि में उत्पाद सिपाही की दौड़ के दौरान अभ्यर्थियों के बेहोश होने की शिकायतें लगातार आ रही हैं. इसके अलावा चिकित्सकों के अनुसार चियांकि से बेहोशी की हालत में लाए गये दो युवक की जान चली गयी. इसमें एक की मौत मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई है जबकि एक की मौत रिम्स में हुई है. ऐसे में मरने वालों की संख्या तीन बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि शुक्रवार को भी एक अभ्यर्थी की जान चली गयी है.
पिछले तीन दिन में इस दौड़ में शामिल होने वालों में 80 से अधिक अभ्यर्थी बेहोश हुए हैं. इन अभ्यर्थियों के बेहोश होने के मामले में ईटीवी भारत ने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. आरके रंजन के साथ बातचीत की. इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की गयी है कि आखिर क्यों ये दौड़ युवकों के लिए क्यों जानलेवा साबित हो रहा है.
ताकत बढ़ाने के लिए अभ्यर्थी ले रहे इंजेक्शन!
डॉ. आरके रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि दौड़ के क्रम में बेहोश होने वाले अभ्यर्थियों का स्मेल और व्यवहार से लग रहा है कि इन युवकों द्वारा किसी प्रकार की दवा का सेवन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बेहोश होने वाले अभ्यर्थियों की दिमागी हालत ठीक नहीं है, कई बार वे डॉक्टर के साथ हिंसक हो रहे हैं और मारपीट भी कर रहे हैं. डॉक्टर आरके रंजन ने बताया कि ऐसी संभावना है कि अभ्यर्थियों में ताकत बढ़ाने के लिए कुछ लिया है, हालांकि उनके पास जांच की सुविधा नहीं है. रिम्स में इसकी जांच की सुविधा उपलब्ध है. रेफर होने वाले अभ्यर्थियों के ब्लड जांच की जाए तो कुछ पता चल पाएगा.