पटना :बिहार में नई सरकार बने लगभग एक महीने हो गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत 9 लोगों ने मंत्रिमंडल का शपथ लिया. आनन-फानन में सभी मंत्रियों को विभाग की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई. बिहार में कुल 45 विभाग हैं. जिसमें पांच विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास रहता है. बाकी के 40 विभाग मंत्रियों के बीच बंटवारा होता है.
बिहार में कैबिनेट विस्तार पर सस्पेंस :आरजेडी का आरोप है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के दबाव में है. वह विधानसभा भंग करना चाहते हैं. इसलिए मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रहे हैं. तो वहीं, दूसरी तरफ यह चर्चा हो रही है कि चलते बजट सत्र में कई विधेयक, कटौती प्रस्ताव पर विधानसभा में वोटिंग होती है. अगर उस वोटिंग में कोई व्हिप जारी नहीं किया जाता है तो ऐसे में जिन्हें मंत्री नही बनाया गया वैसे नाराज विधायक इधर से उधर जा सकते हैं और सरकार मुश्किल में पड़ सकती है.
''यह माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काम है. उनको विस्तार कर लेना चाहिए. अब तो लग रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार करना भी उनको भारी पड़ रहा है. देखिए, जिस राज्य में एक टर्म में तीन-तीन बार मंत्री बदलेंगे, मुख्यमंत्री वहीं रह जाते हैं, मंत्री बदल जाते हैं, विधानसभा के अध्यक्ष बदल जाते हैं, विपक्ष के नेता बदल जाते हैं, जो विपक्ष में रहते हैं वह उपमुख्यमंत्री बन जाते हैं, उस राज्य की क्या स्थिति होगी. भगवान ही मालिक है. कुछ तो ऐसी बात है कि यह लोग मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं.''- मंसूर आलम, पूर्व मंत्री सह आरजेडी विधायक
'भाजपा के साथ डील नहीं हो पा रही है' :सीपीआई एमएल के विधायक महबूब आलम कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है. मुख्यमंत्री को चाहिए कि सुचारू रूप से कामकाज करने के लिए अविलंब रूप से मंत्रिमंडल का विस्तार करें. मंत्रियों का गठन करना चाहिए. विभागों का बंटवारा कर देना चाहिए.
''भाजपा ने नीतीश कुमार के दुखती रग पर हाथ रख दिया है. इसलिए मंत्रिमंडल का विस्तार अभी नहीं हो रहा है. कटौती प्रस्ताव वगैरा का तो मामला है ही लेकिन, सबसे बड़ी बात है कि भाजपा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सेट नहीं कर पा रहे हैं और मुख्यमंत्री की डील नहीं हो पा रही है.''- महबूब आलम, विधायक, सीपीआई एमएल
'आराम से होगा मंत्रिमंडल का विस्तार' :भाजपा नेता और पूर्व मंत्री नीरज सिंह बबलू सफाई देते हुए कहते हैं ऐसी कोई बात नहीं है. सदन चल रहा है. यह इंटरनल मैटर है. दोनों दल बैठकर यह तय करेंगे और सदन के बाद इस पर विचार होगा. जो होगा वह अच्छा होगा. अभी सदन चल रहा है. बहुत काम है. नई सरकार बनी है एनडीए के गवर्मेंट बनी है. आराम से बैठकर लोग डिसाइड करेंगे. बहुत सारा काम है. सदन निकल जाए तो आराम से मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.
1 मार्च को मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पांच विभाग को छोड़ दें तो इन आठ मंत्रियों में 40 विभागों का बंटवारा हो चुका है. दोनों डिप्टी सीएम के पास 9-9 विभागों की जिम्मेदारी है तो वहीं दूसरे मंत्रियों के पास 6-5-4 ऐसे करके विभाग दिए गए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 1 मार्च को मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा.