रांची: झारखंड में 6 मई की तारीख का जिक्र होते ही भ्रष्ट नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के पसीने छूटने लगते हैं. इस तारीख की चर्चा होते ही निलंबित सीनियर आईएएस पूजा सिंघल और रांची के डीसी रहे छवि रंजन के नाम पर बहस छिड़ जाती है. लैंड माफियाओं के दम फूलने लगते हैं. झारखंड में यह तारीख खौफ का पर्याय बन गई है. जबकि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के लिए शुभ साबित हुई है और भ्रष्टाचारियों के लिए अशुभ. यही वो तारीख है जिसनें ईडी को भ्रष्टाचार से कमाए गये नोटों के ढेर तक पहुंचाया. इसकी शुरुआत हुई 6 मई साल 2022 को.
ईडी के लिए लकी रही 6 मई,2022 की तारीख
कोरोना काल का दंश झेलने के बाद आम जिंदगी पटरी पर लौट रही थी. इसी बीच 6 मई 2022 की सुबह खबर आई कि ईडी की टीम ने सीनियर आईएएस पूजा सिंघल और उनके करीबियों के ठिकानों पर दबिश दी है. तब पूजा सिंघल अपने सरकारी आवास पर ही थीं. कुछ पता नहीं चल रहा था कि आखिर हो क्या रहा है. फिर सूत्रों से जानकारी मिली कि पूजा सिंघल जब खूंटी की डीसी थीं, तब मनरेगा घोटाला हुआ था. मनी लांड्रिंग हुई थी.
उसी मामले में छापा पड़ा है. लेकिन सनसनी तब फैल गयी जब नोटों से भरे बक्से की तस्वीर सामने आई. पता चला कि पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के घर से ईडी को नोटों का ढेर मिला है. बाद में ईडी की ओर बताया गया कि 19 करोड़ से ज्यादा रुपए जब्त हुए हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ झारखंड में ईडी के लिए यह पहली सफलता थी. यह खबर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गई. राजनीतिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया. इस रेड के कुछ दिन बाद ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया. उस समय से पूजा सिंघल न्यायिक हिरासत में हैं.
6 मई के बाद खुलती गईं भ्रष्टाचार की कई कड़ियां
मनरेगा घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में कार्रवाई के बाद ईडी ने जांच के दायरे को बढ़ाया तो खनन और लैंड स्कैम के मामले सामने आ गये. इसके बाद ताबडतोड़ छापेमारियां होती रहीं. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के करीबी रहे पंकज मिश्रा समेत कई गिरफ्तार हो गये. इसके बाद लैंड स्कैम में शामिल होने की वजह से रांची के पूर्व डीसी रहे छवि रंजन समेत कई व्यवसाइयों और जमीन दलालों की गिरफ्तारी हुई. इस दिशा में लगातार कार्रवाई जारी है.
पिछले दिनों ही लैंड स्कैम मामले में कुछ और जमीन कारोबारी पकड़े जा चुके हैं. इस कार्रवाई के बाद रांची के बड़गाईं की 8.83 एकड़ जमीन की हेराफेरी मामले में हेमंत सोरेन को सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ गयी. उन्होंने 31 जनवरी 2024 की शाम सीएम के पद से इस्तीफा देना पड़ गया. आज भी वह न्यायिक हिरासत में हैं.