भाजपा प्रदेश प्रवक्त राकेश त्रिपाठी ने बताई पार्टी की आगे की रणनीति. लखनऊ : UP Politics:उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अब केवल दो टिकट बचे हुए हैं. इनमें एक रायबरेली सीट (Raebareli Lok Sabha Seat Vorting Date) और दूसरी कैसरगंज सीट (Kaiserganj Lok Sabha Seat Voting Date) है. दोनों ही सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण यानी 20 मई को मतदान होना है.
रायबरेली सीट पर भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार है तो दूसरी ओर कैसरगंज में बृजभूषण का पेंच फंसा हुआ है. संभावना है कि दोनों टिकट पार्टी 26 या 27 अप्रैल को घोषित कर देगी. दोनों ही सीटों पर चौंकाने वाले नाम सामने होंगे.
कैसरगंज सीट पर यह तय हो चुका है कि सीट बृजभूषण के परिवार में ही जाएगी. वह चाहे बृजभूषण शरण सिंह खुद हों या उनके परिवार का कोई सदस्य. दूसरी और रायबरेली सीट से मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को मौका दिया जा सकता है. इन दोनों सीटों के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी नाराज क्षत्रियों के बीच बड़ा संदेश देने का प्रयास करेगी. फिलहाल यह दो से तीन दिन की बात है.
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में कुल 75 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है. बची हुई 5 सीटों पर उसके सहयोगी दल उम्मीदवार खड़े कर रहे हैं. दो सीट पर राष्ट्रीय लोक दल, दो सीट पर अपना दल और एक सीट पर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा है.
भारतीय जनता पार्टी अब तक 73 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. केवल दो सीट ही बची हैं जो रायबरेली और कैसरगंज हैं. रायबरेली पर कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. यहां से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
माना जा रहा है कि कांग्रेस वायानाड में मतदान होने के बाद अमेठी और रायबरेली सीट से अपनी उम्मीदवारों की घोषणा करेगी. इसलिए भारतीय जनता पार्टी भी रायबरेली सीट पर इंतजार कर रही है मगर, अब यह तय है कि 26 और 27 तारीख में बीजेपी सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर देगी.
भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि बहुत अधिक विचार विमर्श के बाद पार्टी ने तय किया है कि सीट पर अपने पुराने नेता दिनेश प्रताप सिंह को उतारेगी. दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली क्षेत्र में बहुत अधिक सक्रिय हैं. उन्होंने क्षेत्र के पुराने नेता और अपने नजदीकी अशोक सिंह को बीजेपी ज्वाइन करा दी है. उनकी टीम क्षेत्र में पूरी तैयारी कर रही है.
दूसरी ओर कैसरगंज सीट पर पहलवानों के साथ विवाद को लेकर बहुत अधिक चर्चित रहे बृजभूषण शरण सिंह को लंबे इंतजार के बाद दोबारा चुनाव में उतारा जा सकता है. बृजभूषण शरण सिंह को चुनाव में न उतार कर भारतीय जनता पार्टी क्षत्रियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती.
अगर विभूषण को टिकट नहीं भी दिया गया तो उनके परिवार से किसी सदस्य को टिकट मिल सकता है. बीजेपी इन दोनों टिकट के माध्यम से क्षत्रिय समाज के बीच बड़ा संदेश देना चाहती है. हाल ही में पश्चिम उत्तर प्रदेश में विभिन्न मुद्दों पर राजपूत समाज बीजेपी से नाराज बताए जा रहा है.
अगर भाजपा ने यह दो टिकट क्षत्रिय समाज को दे दिए तो कुछ ना कुछ राहत बीजेपी के लिए जरूर रहेगी. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि पार्टी की हर सीट के लिए अलग-अलग रणनीति होती है. हर टिकट के लिए समय तय होता है. करते समय में सारी टिकट आ जाएंगे और यह दो सीटें भी जल्द घोषित कर दी जाएंगी.
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