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सत्ताधारी दल की रिसोर्ट पॉलिटिक्स, भाजपा का डर या अपनों पर भरोसा नहीं? - हैदराबाद में झारखंड के विधायक

Why MLAs sent to Hyderabad. झारखंड के 35 विधायक हैदराबाद में हैं. माना जा रहा है कि सभी रविवार शाम को रांची लौटेंगे और पांच फरवरी को फ्लोर टेस्ट में शामिल होंगे. विधायकों को झारखंड से बाहर भेजना बीजेपी से डर है या फिर इसकी कोई और वजह है जानिए इस रिपोर्ट में.

Why MLAs sent to Hyderabad
Why MLAs sent to Hyderabad

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 3, 2024, 5:07 PM IST

Updated : Feb 4, 2024, 8:17 AM IST

बीजेपी, जेएमएम और कांग्रेस नेताओं के बयान

रांची: झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन के 35 विधायक तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के एक रिसोर्ट में हैं. महागठबंधन के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के 35 विधायक रविवार की शाम रांची लौटेंगे और फिर एक बार सर्किट हाउस में ही 04 फरवरी की रात गुजारेंगे. सर्किट हाउस से ही 05 फरवरी के लिए बस से एक साथ विधानसभा के लिए प्रस्थान करेंगे.

अब सवाल यह उठता है कि झारखंड में जब चंपई सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की नई सरकार बन गयी है तो फिर अपने ही विधायकों को राज्य से दूर रिसोर्ट भेजने की क्या मजबूरी थी. अपने ही राज में क्या राज्य में सत्ताधारी दलों को इसका भय सता रहा था कि भाजपा उसके विधायकों को तोड़ लेगी. क्या झामुमो और राजद को अपने ही विधायकों की निष्ठा पर भरोसा नहीं है.

भाजपा का तोड़फोड़ में विश्वास नहीं- भाजपा:झारखंड के सत्ताधारी दल के 35 विधायकों को हैदराबाद में रखने को बीजेपी ने सत्ताधारी दल का डर करार दिया है. भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के सत्ताधारी दलों को अपने ही माननीयों की निष्ठा पर भरोसा नहीं है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह से लोबिन जैसे नेता अपनी सरकार के नीतियों के खिलाफ बोलते रहे हैं, उसके बाद से विधायकों पर पार्टी नेतृत्व को भरोसा नहीं है. भाजपा ने कहा कि राजनीति में मौज मस्ती के लिए 35 विधायक तेलंगाना के रिसोर्ट में हैं.

पहले भाजपा अपना इतिहास देखे -झामुमो-कांग्रेस:भारतीय जनता पार्टी सत्ताधारी दलों के विधायक को हैदराबाद के रिसोर्ट में रखने को लेकर तंज कस रही है. तो झारखंड-कांग्रेस के नेता इसे संविधान के लुटेरों से लोकतंत्र को बचाने की कवायद बता रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता डॉ हेमलाल मेहता और झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता रिंकू तिवारी कहते हैं कि हमने अपने विधायकों को तेलंगाना की राजधानी भेजने पर बोलने का अधिकार नहीं है. सत्ताधारी दल के नेता कहते हैं कि राजनीति में लोकतंत्र को बचाने के लिए हमारे विधायक एकजुट होकर तेलंगाना गए हुए है.

सत्ताधारी पार्टियों को आखिर किस बात का है डर:झारखंड के राजनीति को बेहद करीब से जानने और समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि जिस तरह से पूर्व में कांग्रेस के कई विधायक को आरोपों के घेरे में आये हैं, झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम, सीता सोरेन अपनी ही सरकार को सवालों के घेरे में लेते रहे हैं, ऐसे में इन लोगों को डर लगता होगा कि कहीं ये विधायक ही कोई खेला न कर दें. पत्रकार कहते हैं कि यह सत्ताधारी दलों का सेल्फ डिफेंस जैसा है.

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Last Updated : Feb 4, 2024, 8:17 AM IST

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