रांचीः मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के बीच जनवरी माह की राशि अबतक ट्रांसफर नहीं हुई है, जबकि हर माह की 15 तारीख को राशि ट्रांसफर करने का डेडलाइन फिक्स है. अब सवाल है कि किस तारीख को जनवरी माह की किस्त जारी होने जा रही है. क्योंकि महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी इस मसले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. जबकि अनुपूरक बजट के जरिए राज्य सरकार मार्च माह तक की अनुमानित राशि जिलों को मुहैया करा चुकी है. लिहाजा, किस्त जारी करने में हो रहे विलंब से लाभुक चिंतित हैं. ऊपर से कयासों का बाजार भी गर्म है. अव्वल तो ये कि अभी तक विभागीय स्तर पर जिला कोषांग को राशि निर्गत करने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है.
पैसे ट्रांसफर करने का काउंट डाउन शुरू
ईटीवी भारत की पड़ताल में सूत्रों के हवाले से पुख्ता जानकारी मिली है कि मंईयां सम्मान योजना की लाभुकों के खाते में जनवरी माह की किस्त ट्रांसफर करने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसको लेकर ऑनलाइन समीक्षा बैठक भी हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक सरकार का पूरा तंत्र गणतंत्र दिवस की तैयारियों में लगा हुआ है. इसलिए गणतंत्र दिवस के दो दिन बाद यानी 28 जनवरी को जनवरी माह की किस्त जारी करने की पूरी संभावना है. विश्वस्त सूत्रों का यह भी कहना है कि अगर कोई अड़चन आती है तो 29 जनवरी से राशि ट्रांसफर होने लगेगी.
एक ही समय सभी लाभुकों को क्यों नहीं मिलते हैं पैसे
इस सवाल का जवाब सभी लाभुक जानना चाहते हैं. क्योंकि अगस्त, 2024 से शुरू इस योजना के लाभुकों को आजतक एक साथ यानी कि एक ही दिन पैसे नहीं मिले हैं. इसकी वजह है एनईएफटी यानी NATIONAL ELECTRONIC FUND TRANSFER. इस विधि से रियल टाइम पेमेंट संभव नहीं है. क्योंकि एनईएफटी के सेटलमेंट प्रोसेस का बैच 30 मिनट का होता है. एक बार में लिमिटेड संख्या में ही पैसे ट्रांसफर होते हैं. इसलिए अलग-अलग बैच बनाकर पैसे ट्रांसफर होने में वक्त लग जाता है. मंईयां सम्मान की राशि राज्य के सभी 24 जिलों के स्तर पर होती है. ऊपर से लाभुकों की संख्या लाखों में है. इसी वजह से लाभुकों के खाते में एक ही दिन पैसे क्रेडिट नहीं हो पाते हैं.
अपडेशन में प्रखंड कर्मियों के छूट रहे हैं पसीने
दरअसल, मंईयां सम्मान योजना के नये लाभुकों का आवेदन लेने, उनके आवेदन को स्वीकृत करने के साथ-साथ अपात्र लाभुकों को चिन्हित कर लिस्ट से उनके नाम हटाने की जिम्मेदारी प्रखंड कार्यालय को दे दी गई है. लिहाजा, जिला स्तर पर अपात्र लाभुकों का नाम हटाने और योग्य नये लाभुकों का नाम जोड़ने की कवायद जोर शोर से चल रही है. लेकिन मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पोर्टल यानी MMMSY PORTAL के सही तरीके से काम नहीं करने की वजह से लिस्ट को अपडेट करने में दिक्कतें आ रही हैं. आए दिन पोर्टल ठप हो जा रहा है. इसकी वजह से प्रखंड कर्मियों को आवेदन देने आई महिलाओं की नाराजगी झेलनी पड़ रही है. ऊपर से लाभुकों के खाते को आधार लिंक से भी जोड़ा जा रहा है.
मंईयां सम्मान योजना की लाभुकों की अहर्ता
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत 18 साल से 50 साल तक की युवती/महिलाओं को हर माह की 15 तारीख को 2,500 रु देना है. इसके लिए अहर्ता भी तय की गई है. मसलन, आवेदक झारखंड की हो. उसके पास आधार कार्ड और राशन कार्ड हो. टैक्स देने वाले परिवार की सदस्य ना हो. आवेदक के अविवाहित होने पर पिता और विवाहित होने पर पति में से कोई भी सरकारी, विधिक न्याय, स्थानीय निकाय, शहरी निकाय, सरकार से सहायता प्राप्त संस्थान में नियमित या संविदा पर नियोजित ना हो. किसी तरह के पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा हो. साथ ही आवेदक ईपीएफ धारी भी ना हो.
26 दिसंबर से मिलने लगी थी 2,500 रु. की पहली किस्त
चुनाव पूर्व वादों के मुताबिक सरकार ने दिसंबर माह से 1000 रु. की जगह 2,500 रु. के हिसाब से राशि ट्रांसफर करने की तैयारी की थी. इसके लिए 28 दिसंबर, 2024 को रांची के नामकुम में कार्यक्रम का भी आयोजन होना था. लेकिन पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद राजकीय शोक की वजह से कार्यक्रम टल गया था. लेकिन बैंको को जारी आदेश के आलोक में 26 दिसंबर से ही लाभुकों के खाते में पैसे ट्रांसफर होने लगे थे. इसलिए 28 जनवरी को कार्यक्रम टालते हुए पैसे ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी गई थी. इसको 6 जनवरी के कार्यक्रम के साथ अमली जामा पहनाया गया था.
लेकिन जनवरी माह की किस्त का डेडलाइन भी फेल हो गया. विभागीय सूत्रों का कहना है कि आए दिन जिला स्तर पर मंईयां सम्मान योजना में धांधली और घालमेल की खबरें आ रही हैं. बोकारो में पुरुष द्वारा लाभ उठाने, गढ़वा में सीएससी संचालक द्वारा लाभुक के पैसे अपने अकाउंट में मंगवाने समेत कई मामले सामने आ चुके हैं. इसलिए पूर्व से लाभ उठाने वालों के साथ-साथ नये आवेदनों की बारीकी से स्क्रूटनी हो रही है. इसी वजह से जनवरी माह का डेडलाइन फेल हुआ है.
दरअसल, दिसंबर माह में 56,61,791 खाते में 2,500 रु. प्रति लाभुक के हिसाब से कुल 1,415 करोड़, 44 लाख 77 बजार 500 रु. ट्रांसफर किए गये थे. इसके अलावा 10 लाख से ज्यादा नये आवेदन आ चुके हैं. उनके सत्यापन का काम चल रहा है. अभी तक डेढ़ लाख से ज्यादा नये लाभुकों का सत्यापन हो चुका है. लिहाजा, लाभुकों की संख्या 58 लाख से ज्यादा हो चुकी है. इसमें और इजाफा होना तय माना जा रहा है.
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