लखनऊःउत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा ने तैयारी शुरू कर दी है. उपचुनाव लड़ रही बसपा ने तो उम्मीदवार भी उतारने शुरू कर दिए हैं. अयोध्या के मिल्कीपुर (सुरक्षित) से समाजवादी पार्टी से विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद बनने से यह सीट खाली हुई है. इस सीट पर 2017 विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी रहे रामगोपाल कोरी पर मायावती ने इस बार दांव लगाया है. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव में अयोध्या से हार का बदला लेने के लिए मिल्कीपुर सीट को जिताने की जिम्मेदारी खुद ले ली है.
सीएम ने खुद ली मिल्कीपुर की नैया पार लगाने की जिम्मेदारीःउल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के चुनावी मुद्दे में एजेंडे में राम मंदिर प्रमुख रहा. लोकसभा चुनाव के दौरान अयोध्या में राम मंदिर बनाने का प्रधानमंत्री पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ समेत सभी भाजपाई नेताओं ने श्रेय लिया. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के संरक्षक को रामभक्तों का हत्यारा बताया. भाजपा ने पूरे देश में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अभियान चलाया और वाहवाही लूटी थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट से भाजपा हार गई. मिल्कीपुर से सपा विधायक अवधेश प्रसाद सांसद चुने गए. यही नहीं, अयोध्या के आसपास की भी सीटें भाजपा हार गई. अयोध्या सीट हारने से योगी सरकार को खूब फजीहत हुई. काफी दिनों तक हार की समीक्षा चली. अब इस हार का बदला लेने के लिए उपचुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा की जिम्मेदारी खुद ली है. सीएम योगी अयोध्या का दौरा नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के साथ ही अगली रणनीति बना रहे हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी की भी पोल खोलकर जनता के बीच पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
अयोध्या रेप केस क्या भाजपा को देगा बूस्ट डोज? :माना जा रहा है कि अयोध्या में हार का बदला उपचुनाव में लेने के लिए नाबालिग बच्ची का मुद्दा सीएम योगी ने विधानसभा में जोर शोर उठाया था. अयोध्या रेप केस में सपा नेता मोइद खान का नाम सामने आने के बाद लगातार सपा पर हमलावर हैं. इसके साथ ही मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा रही हैं. वहीं, पीड़िता और उसके परिजनों को पूरी मदद कर सीएम योगी जनता को खास संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अयोध्या रेप कांड उपचुनाव में भाजपा के लिए बूस्टर साबित हो सकता है. क्योंकि भाजपा को सपा की कमजोर कड़ी मिल गई है.
क्या अवधेश सपा के फिर बनेंगे तारनहार? :मिल्कीपुर विधायक से रहते हुए अयोध्या के सांसद चुनकर अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त दी थी. अवेधश प्रसाद की जीत का चर्चा देश में हुई थी. अखिलेश यादव और सपा नेता भी अयोध्या से अवधेश प्रसाद की जीत को एक बड़ी सफलता माना था. समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य अवधेश प्रसाद 9 बार विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में छह बार मंत्री रहे हैं. लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उपचुनाव की जिम्मेदारी अखिलेश यादव ने अवधेश प्रसाद को दी है. समाजवादी पार्टी ने सांसद अवधेश प्रसाद को चुनाव प्रभारी बनाया है. एसे में उपचुनाव में सीएम योगी और अवधेश प्रसाद आमने-सामने होंगे. अवधेश प्रसाद अपनी साख बचाने और भाजपा को पटखनी देने के लिए रणनीति बनाने में लगे हैं. अब देखना होगा कि अवधेश प्रसाद क्या इस बार भी सपा की नैया पार लगा पाएंगे या नहीं.