देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से ठप पड़ी ई-ऑफिस व्यवस्था अब सुचारू होने लगी है. करोड़ों रुपए खर्च कर राज्य में तैयार किया गया आईटी सिस्टम फिर पटरी पर उतरने लगा है. हालांकि, ऐसा राज्य का सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एक या दो दिन नहीं बल्कि करीब चार दिनों बाद कर पाया है. विभाग के अधिकारी अब प्रमुख विभागों की वेबसाइट शुरू करने का दावा कर रहे हैं लेकिन हैरत की बात यह है कि कई दिनों तक आईटी एक्सपर्ट की टीम के पसीना बहाने के बाद ऐसा हो पाया है.
उत्तराखंड में पिछले चार दिनों से कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी को सबसे आगे रखकर दुनिया से मुकाबला करने की बात कह रहे हैं, मगर उत्तराखंड कई दिनों तक केवल एक वायरस के कारण शून्य बना हुआ है. यानी राज्य में पिछले चार दिनों से ई-ऑफिस के नाम पर कोई काम नहीं हो पाया. ऑनलाइन फाइलें अपनी जगह पर रुक गई. पूरा कामकाज ठप हो गया. इस स्थिति को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण फाइलों को ऑफलाइन चलाने का भी निर्णय लेना पड़ा.
उत्तराखंड बुलाये गये केंद्र के आईटी एक्सपर्ट: न केवल सचिवालय बल्कि विभाग और थाने चौकियां तक में भी अधिकारियों और कर्मचारियों की स्थिति असहाय सी हो गई. इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के युग में पूरे प्रदेश का सिस्टम कुछ घंटों के लिए बंद नहीं रहा बल्कि इसे ठीक करने में कई दिन लग गए.जाहिर है कि इससे उत्तराखंड का बड़ा नुकसान हुआ है. ऐसा किसी एक वायरस के कारण हुआ या फिर यह कोई साइबर अटैक था इस पर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. बड़ी बात यह है कि भारत सरकार के आईटी एक्सपर्ट भी उत्तराखंड को बुलाने पड़े हैं. ऑनलाइन सिस्टम को ठीक करने में एक लंबा वक्त लग रहा है.