शिमला: मौसम की मार से देश की मंडियों में इस बार हिमाचली सेब की महक फीकी पड़ने लगी है. देशभर में फल राज्य के नाम से विख्यात हिमाचल में पहले सर्दियों के मौसम में अच्छी बारिश और बर्फबारी न होने से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हुए थे. इसके बाद सेब में फ्लावरिंग के समय मौसम खराब रहने से और तापमान में आए उतार और चढ़ाव से फ्रूट सेटिंग कम हुई है. गर्मियों के मौसम में समय पर बारिश न होने से इस बार सेब के साइज पर भी असर पड़ा है. जिससे सेब की क्वालिटी पर प्रभाव पड़ा है. ऐसे में बागवानी विभाग ने पहले ही सेब उत्पादन कम रहने के आसार जताए थे, लेकिन अब मानसून सीजन में भी सेब को खासा नुकसान पहुंचा है. जिस कारण इस बार सेब उत्पादन अनुमान से भी कम रहने के आसार नजर आ रहे हैं. हिमाचल में इस बार सेब की पेटियों का उत्पादन 3 करोड़ पेटियों से कम रहने का अनुमान लगाया गया है.
इस बार इतनी सेब पेटियों का अनुमान
प्रदेश भर में सेब पैदा करने वाले जिलों से प्राप्त हुई रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 2,91,42,800 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया गया है. इसमें सबसे अधिक सेब जिला शिमला में 1,60,99,550 पेटियां होने की संभावना है. प्रदेश में सबसे ज्यादा सेब जिला शिमला में ही होता है. इसके अलावा कुल्लू जिले में 62,70,600 सेब पेटियां और किन्नौर जिले में 33,32,200 सेब की पेटियां होने का अनुमान है. वहीं, मंडी जिले में 24,47,250 सेब पेटियां, चंबा जिले में 5,98,150 पेटियां, सिरमौर जिले में 3,09,400 पेटियां, लाहौल स्पीति जिले में 64,050 सेब पेटियां, कांगड़ा में जिले 15,000 सेब पेटियां, सोलन जिले में 4,900 सेब पेटियां, बिलासपुर जिले में 1300 सेब पेटियां, हमीरपुर जिले में 350 सेब पेटियां और ऊना जिले में सबसे कम 50 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया गया है.
हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन का अनुमान | |
जिला | अनुमानित सेब पेटियां- 2024 |
शिमला | 1,60,99,550 |
कुल्लू | 62,70,600 |
किन्नौर | 33,32,200 |
मंडी | 24,47,250 |
चंबा | 5,98,150 |
सिरमौर | 3,09,400 |
लाहौल स्पीति | 64,050 |
कांगड़ा | 15,000 |
सोलन | 4,900 |
बिलासपुर | 1300 |
हमीरपुर | 350 |
ऊना | 50 |
पिछले 10 सालों में कब कितना रहा सेब उत्पादन
उद्यान विभाग की ओर से पिछले साल के जारी आंकड़ों पर गौर करें तो हिमाचल में सेब उत्पादन कम रहा था. प्रदेश में साल 2023-24 में प्रदेश में 2,11,11,972 पेटियां सेब का उत्पादन हुआ था. उस दौरान सेब के बॉक्स का स्टैंडर्ड साइज 24 किलो का था. इसी तरह से साल 2022-23 में हिमाचल में सेब उत्पादन 3,36,17,133 पेटी रहा था. उस समय सेब के बॉक्स का स्टैंडर्ड साइज 20 किलो वजन का था. वहीं, 2021-22 में प्रदेश में 3,05,95,058 पेटी उत्पादन रहा था. 2020-21 में भी सेब की पैदावार कम रही थी, उस दौरान प्रदेश में 2,40,53,099 सेब पेटियों का उत्पादन हुआ था. इसी तरह से 2019-20 में सेब उत्पादन 3.24 करोड़, साल 2018-19 में प्रदेश में सेब की पैदावार 1.65 करोड़ पेटी रही थी. वहीं, साल 2017-18 में सेब उत्पादन 2.08 करोड़ पेटी रहा था. इसी तरह से साल 2016-17 प्रदेश में 2.40 करोड़ सेब की पेटियां हुई थी. जबकि साल 2015-16 में सेब उत्पादन 3.88 करोड़ पेटी रहा था.
हिमाचल प्रदेश में 2010 से 2023 तक सेब का उत्पादन | |
साल | उत्पादन (पेटियां) |
2010 | 5.11 करोड़ |
2011 | 1.38 करोड़ |
2012 | 1.84 करोड़ |
2013 | 3.69 करोड़ |
2014 | 2.80 करोड़ |
2015 | 3.88 करोड़ |
2016 | 2.40 करोड़ |
2017 | 2.08 करोड़ |
2018 | 1.65 करोड़ |
2019 | 3.24 करोड़ |
2020 | 2.40 करोड़ |
2021 | 3.5 करोड़ |
2022 | 3.36 करोड़ |
2023 | 2.11 करोड़ |
70 फीसदी सेब डी ग्रेड
जिला शिमला के बखौल गांव के प्रगतिशील बागवान संजीव चौहान ने बताया, "मौसम की मार से इस बार 70 फीसदी सेब डी ग्रेड की श्रेणी का है. जिसके बागवानों को मंडियों में बहुत कम रेट मिल रहे हैं. उनका कहना है कि सिर्फ 30 फीसदी सेब अच्छी गुणवत्ता का है. जो मंडियों में 3 हजार रुपए अधिक बिक रहा है. सर्दियों में बर्फ न गिरने से सेब की सेटिंग कम हुई थी. गर्मियों में सूखा पड़ने से साइज नहीं बन पाया है. जुलाई महीने में पौधों में पतझड़ रोग लगने से सेब खराब हुआ है. बागवान इस तरह की बीमारियों पर काबू ही नहीं कर पाया. सेब फटने के साथ इसमें रस्टिंग आ गई है. ऐसे में इस बार कम उत्पादन के साथ सेब की क्वालिटी भी हल्की है."
बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक हेम चंद का कहना है, "इस बार 2.91 करोड़ सेब की पेटियों को पैदावार का अनुमान लगाया गया है."