रायपुर : योग हमें निरोग बनाता है. हम योग की मदद से अपने शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाकर रख सकते हैं.इसके अलावा भी योग के कई फायदे हैं.उन्हीं फायदों में से एक है धूम्रपान जैसी गंदी आदत से छुटकारा पाना.कई लोगों को शराब, गुटखा,तंबाकू,गांजा और सिगरेट की लत होती है.कई बार नशा मुक्ति केंद्रों में जाने के बाद भी उनकी ये आदत नहीं छूटती.ऐसे में योग की मदद से हम धूम्रपान की आदत से छुटकारा पा सकते हैं.योग ही एक ऐसा माध्यम है जिसमें बिना किसी दवा और जड़ी बूटी के लोग धूम्रपान को छोड़ सकते हैं .आखिर किस योग से धूम्रपान छोड़ सकता है,इसका कितना लाभ मिल सकता है, इसके लिए किस तरह से योगाभ्यास करना चाहिए. इसकी जानकारी योगाचार्य विनीत शर्मा ने ईटीवी भारत को दी.
क्या है योग का अर्थ :योग का अर्थ है आत्मा परमात्मा का एक होना.जब आत्मा परमात्मा लगातार योगाभ्यास से एक हो जाते हैं, तो यह प्रक्रिया योग की अंतिम अवस्था कहलाती है. पतंजलि ने अपने सूत्र में बताया है कि चित की वृतियों पर काबू पाना ही योग है.यानी मन की वृतियों पर ,मन की दशाओं पर और मन की चंचलता पर विजय पाना योग है.
नशे से कैसे पाएं छुटकारा :नशे से ग्रस्त व्यक्ति को इससे छुटकारा पाने के लिए निश्चित तौर पर योग का अभ्यास करना चाहिए. योग के अभ्यास के बिना कोई भी व्यक्ति नशे से उबर नहीं सकता है. योग चित की चंचलता पर और मन पर विजय पाने का बहुत स्वाभाविक माध्यम है.योग सामान्य रूप से आसनों को मान लिया जाता है. आसनों के साथ-साथ प्राणायाम ध्यान उच्च स्तर की शारीरिक मानसिक सफाई, ऊंचे नैतिक मूल्यों के साथ जीवन जीना योग माना गया है. नशे से दूर रहने के लिए वृत्य चक्रासन का अभ्यास बहुत राहत दिलाता है. इसके साथ ही अर्ध चक्रासन, ग्रीवा संचालन आसन, गर्दन को झुकाना, प्राणायाम में अनुलोम विलोम, कपालभाती, शीतली प्राणायाम, शीतकारी प्राणायाम सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं.