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ग्रेटर नोएडा के पंचशील हाइनिश सोसायटी में पानी की किल्लत, बाल्टियों से पानी ढो रहे लोग - Greater Noida Water Crisis

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 22, 2024, 8:39 PM IST

Greater Noida Water Crisis: भीषण गर्मी के बीच ग्रेटर नोएडा के पंचशील हाइनिश सोसायटी में रहने वाले लोगों को पानी की समस्या से जुझना पड़ रहा है.

पंचशील हाइनिश सोसायटी में पानी की किल्लत,
पंचशील हाइनिश सोसायटी में पानी की किल्लत, (Etv Bharat)

पंचशील हाइनिश सोसायटी में पानी की किल्लत, (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं. इस बीच ग्रेनो वेस्ट की कई सोसाइटियों में पानी की किल्लत आ गई है. पंचशील हाइनिश सोसाइटी में पिछले 4 दिनों से सोसायटी के निवासी एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. पानी का टैंकर आने के बाद सोसायटी के आलीशान फ्लैटों में रहने वाले लोगों को बाल्टियों में पानी ढोने को मजबूर होना पड़ रहा है.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा के निवासियों की पानी की समस्या को दूर करने के लिए गंगाजल परियोजना की शुरुआत की गई थी. एक दशक बीत जाने के बाद गंगाजल परियोजना धरातल पर आई. प्राधिकरण के द्वारा दावा किया गया कि सभी सेक्टरों और सोसाइटियों में गंगाजल की सप्लाई शुरू की जाएगी. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी अधिकांश सोसाइटी में अभी तक गंगाजल परियोजना के द्वारा पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है.

हालांकि, प्राधिकरण इस साल के अंत तक सभी सेक्टर और सोसाइटियों में गंगाजल परियोजना की सप्लाई करने का दावा कर रहा है. लेकिन यह दावे धरातल पर कब तक उतार पाएंगे यह आने वाला समय ही बताएगा.

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पंचशील हाइनिश सोसाइटी में 1400 परिवार रहते हैं. यहां पर पिछले चार दिनों से पानी की मोटर का पंप खराब है. जिसके चलते लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यहां के लोगों के लिए पानी की सप्लाई की कोई स्थाई व्यवस्था प्राधिकरण के द्वारा नहीं की गई है. ग्रेनो प्राधिकरण के द्वारा गंगाजल परियोजना में पानी की सप्लाई के दावे भी झूठ साबित हो रहे हैं.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा सेक्टर व सोसाइटियों में पानी की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए एक अलग से भी भाग बनाया गया था. लेकिन उसके अधिकारियों की लापरवाही के चलते निवासियों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक तरफ ग्रेटर नोएडा देश का सबसे उभरता हुआ शहर है. वहीं, दूसरी तरफ लोगों को अब एक-एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.

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