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रेप मामले में दाती महाराज और उनके दो भाईयों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश - Daati Maharaaj rape case

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 1 hours ago

Daati Maharaaj rape case: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने रेप मामले में दाती महाराज और उनके दो भाईयों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया. दाती महाराज के खिलाफ 7 जून 2018 को शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन एफआईआर 11 जून 2018 को दर्ज हुई थी.

दाती महाराज रेप मामला
दाती महाराज रेप मामला (Etv Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शनिधाम के संस्थापक दाती महाराज उर्फ मदनलाल राजस्थानी और उनके दो भाइयों के खिलाफ रेप मामले में आरोप तय करने का आदेश दिए हैं. एडिशनल सेशंस जज नेहा ने दाती महाराज के एक भाई अनिल पर रेप का आरोप तय नहीं किया है. सीबीआई ने पूरक चार्जशीट में दाती महाराज के अलावा उसके दो भाइयों अशोक और अर्जुन का नाम शामिल किया था.

सीबीआई ने दाती महाराज के भाई अनिल का नाम आरोपियों की सूची से हटा दिया था. अक्टूबर 2018 में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में इन चारों आरोपियों का नाम था. सीबीआई ने पीड़िता के बयान के आधार पर चार्जशीट में नीतू उर्फ मां श्रद्धा और नीमा जोशी को आरोपी के तौर पर नामजद किया था.

बता दें, 3 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था. दाती महाराज को 22 जनवरी 2019 को कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी. कोर्ट ने दाती महाराज और उसके तीन भाईयों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी.

कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दाती महाराज किसी भी तरह जांच को प्रभावित नहीं करेंगे. वे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा था कि वे पीड़िता और उसके परिजनों से संपर्क नहीं करेंगे. साथ ही कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश जाने पर रोक लगाई गई थी. बता दें, रेप की शिकायत करने वाली पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि वह एक दशक से बाबा की सेवा कर रही थी लेकिन दाती महाराज और उसके दो शिष्यों ने उसके साथ रेप किया.

पीड़िता का आरोप है कि दाती महाराज की एक दूसरी महिला अनुयायी उसे महाराज के कमरे में भेजती थी. मना करने पर वह उसके साथ ब्लैकमेलिंग करती थी. वह करीब दो साल पहले आश्रम से भागकर अपने घर राजस्थान चली गई. दाती के खिलाफ 7 जून 2018 को शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन एफआईआर 11 जून 2018 को दर्ज हुई.

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  2. दिल्ली दंगा फसाद के 14 साल पुराने केस में कांग्रेस के पूर्व विधायक समेत सात आरोपी बरी, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शनिधाम के संस्थापक दाती महाराज उर्फ मदनलाल राजस्थानी और उनके दो भाइयों के खिलाफ रेप मामले में आरोप तय करने का आदेश दिए हैं. एडिशनल सेशंस जज नेहा ने दाती महाराज के एक भाई अनिल पर रेप का आरोप तय नहीं किया है. सीबीआई ने पूरक चार्जशीट में दाती महाराज के अलावा उसके दो भाइयों अशोक और अर्जुन का नाम शामिल किया था.

सीबीआई ने दाती महाराज के भाई अनिल का नाम आरोपियों की सूची से हटा दिया था. अक्टूबर 2018 में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में इन चारों आरोपियों का नाम था. सीबीआई ने पीड़िता के बयान के आधार पर चार्जशीट में नीतू उर्फ मां श्रद्धा और नीमा जोशी को आरोपी के तौर पर नामजद किया था.

बता दें, 3 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था. दाती महाराज को 22 जनवरी 2019 को कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी. कोर्ट ने दाती महाराज और उसके तीन भाईयों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी.

कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दाती महाराज किसी भी तरह जांच को प्रभावित नहीं करेंगे. वे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा था कि वे पीड़िता और उसके परिजनों से संपर्क नहीं करेंगे. साथ ही कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश जाने पर रोक लगाई गई थी. बता दें, रेप की शिकायत करने वाली पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि वह एक दशक से बाबा की सेवा कर रही थी लेकिन दाती महाराज और उसके दो शिष्यों ने उसके साथ रेप किया.

पीड़िता का आरोप है कि दाती महाराज की एक दूसरी महिला अनुयायी उसे महाराज के कमरे में भेजती थी. मना करने पर वह उसके साथ ब्लैकमेलिंग करती थी. वह करीब दो साल पहले आश्रम से भागकर अपने घर राजस्थान चली गई. दाती के खिलाफ 7 जून 2018 को शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन एफआईआर 11 जून 2018 को दर्ज हुई.

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