जैसलमेर : जिले के मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में चक 27 बीडी के पास ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन से पानी का फव्वारा फूट पड़ा. यह घटना विक्रम सिंह के खेत में हुई, जहां खुदाई के दौरान मशीन भी जमीन में धंस गई और खेत तालाब में बदल गया. 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पानी का प्रवाह लगातार जारी है. इस घटना में ट्यूबेल खोदने वाली मशीन और ट्रक 850 फीट गहरे जमीन में धंस गए. पानी के दबाव के कारण 15 से 20 फीट की चौड़ाई में गहरा गड्ढा होने की संभावना जताई जा रही है.
भूजल प्रवाह का असामान्य उदाहरण :भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास ईणखिया ने घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि यह भूजल का सामान्य रिसाव नहीं हो सकता. यह घटना सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह के संकेत हो सकते हैं. यहां निकल रहा पानी भूजल विज्ञान की भाषा में आरटेसियन कंडीशन के कारण निकल रहा है. यहां पर जल को सहेजने वाली भू-वैज्ञानिक परत सैंड स्टोन, चिकनी मिटटी की मोटी परत से कन्फाइंड कंडीशन में दबी हुईं है. जैसे ही लगभग 200 मीटर मोटी इस परत को पार कर मूल जल परत को पंचर किया जाता है तब पानी अत्यधिक दबाव के कारण ऊपर की तरफ बहने लगता है. यह स्थिति मोहनगढ़ व नाचना पंचायत समिति के कई स्थानों पर पूर्व में भी देखी जा चुकी है.
जलभराव या कोई नुकसान होने की संभावना नहीं :डॉ. नारायण दास ईणखिया ने कहा कि यह घटना भूजल प्रवाह का असामान्य उदाहरण है. शुरुआत में पानी की ऊंचाई काफी ज्यादा थी, अब पानी का लेवल थोड़ा कम हुआ है. प्रशासन की ओर से पानी को रोकने के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन जिस तरह से पानी का बहाव है उससे लगता है कि आगामी कुछ दिनों तक ये ऐसे ही रह सकता है. पानी धीरे-धीरे फैल रहा है, लेकिन उस क्षेत्र में बालू मिट्टी होने से पानी अवशोषित भी हो रहा है. इससे ज्यादा जलभराव या कोई नुकसान होने की संभावना नजर नहीं आ रही है. हालांकि, नलकूप के आसपास जो गड्ढा बन रहा है, वो किसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. प्रशासन ने इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त किए हैं.