नोएडा की वर्धा खान ने हासिल की 18वीं रैंक नई दिल्ली:संघ लोक सेवा आयोग ने यूपीएससी 2023 के लिए अंतिम परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया है. नोएडा की रहने वाली वर्धा खान ने यूपीएससी की परीक्षा में 18वां स्थान प्राप्त किया है. मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली वर्धा नोएडा के सेक्टर 82 स्थित विवेक विहार में अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी. पहले अटेम्प्ट में जहां वर्धा प्री की परीक्षा भी पास नहीं कर पाई, वहीं अपने दूसरे प्रयास में ही वरदाह खान ने ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की है.
वर्धा का कहना है कि उन्होंने 8 से 9 घंटे पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान उनके परिवार जनों और दोस्तों का भी काफी सहयोग रहा है. वर्धा ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा प्रयागराज से ही की. वहीं, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और कुछ महीने कॉर्पोरेट में काम करने के बाद सिविल सर्विसेज में जाने का मन बनाया और अपने दूसरे ही प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल कर ली. बता दें कि साल 2015 में वर्धा के पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद वह अपनी मां के साथ नोएडा शिफ्ट हो गई थी.
नोएडा की वर्धा खान ने हासिल की 18वीं रैंक, पिता के मौत के बाद भी नहीं हारी हिम्मत हरौला गांव की शैफाली अवाना ने हासिल की 606वीं रैंक:यूपीएससी रिजल्ट आने के वक्त शैफाली अवाना अपने ऑफिस में थी. वह दिल्ली के आईसीएमआर में नौकरी करती हैं. यूपीएससी में चयन की खबर सुनते ही वह अपनी आंखों के आंसू न रोक सकीं. सहकर्मियों ने उन्हें बधाई दी तो परिजनों ने फोन कर बधाई दी. जब वह ऑफिस से नोएडा पहुंची तो नोटों की माला व फूलों की माला से परिजनों ने उनका स्वागत किया.
हरौला गांव की शैफाली अवाना ने हासिल की 606वीं रैंक शैफाली ने यह परीक्षा अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 606वीं रैंक हासिल की. परीक्षा परिणाम आते ही उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. शैफाली अवाना फिलहाल नोएडा के सेक्टर 41 में रहती हैं. मूलरूप से वह हरौला गांव की रहने वाली हैं.
शैफाली अवाना के पिता सतीश अवाना दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं. शैफाली अवाना ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई खेतान पब्लिक स्कूल से की है. इसके बाद उन्होंने डीटीयू से इंजीनियरिंग की. कॉलेज के बाद आईसीएमआर में जॉब भी किया. शैफाली अवाना ने इससे पहले दो बार यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा दी. हालांकि, तीसरी बार में उनका चयन हुआ. उन्होंने अपनी सफ़लता के लिए माँ को पूरा श्रेय दिया है.