छत्तीसगढ़ के नेचर लवर्स के लिए गुड न्यूज, जंगल सफारी में तितलियों पर वॉक एंड टॉक, बटरफ्लाई से जुड़े रहस्य होंगे उजागर - butterflies at Raipur Jungle Safari
Walk And Talk On Butterflies छत्तीसगढ़ के जंगल सफारी में तितलियों पर खास चर्चा का आयोजन किया गया है. इस चर्चा का नाम तितलियों पर वॉक और टॉक रखा गया है. इस आयोजन को लेकर जीव जंतु और वन्य प्राणियों के जानकारों में उत्सकुता है. इस चर्चा में बटरफ्लाई के जीवन और उनके अनछुए पहलुओं से जुड़े रहस्य उजागर हो सकते हैं. जैविक विविधता को बनाए रखने में तितलियों की क्या भूमिका होती है उस पर भी चर्चा होगी.
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नंदनवन जंगल सफारी में तितलियों पर वॉक और टॉक का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम का मकसद तितलियों की सुंदरता और उसके पर्यावरण महत्व को समझना है. 24 अगस्त को तितलियों पर चर्चा होगी. इस आयोजन को लेकर वन्यप्राणी विशेषज्ञों और जीव जंतुओं के जानकारों में काफी उत्सकुता दिखाई दे रही है. इस चर्चा से तितलियों के जीवन से जुड़े कई रहस्यों का पता चल सकता है.
तितलियों पर चर्चा का मुख्य मकसद: तितलियों पर वॉक और टॉक का मुख्य मकसद तितलियों की सुंदरता और उनके पर्यावरणीय महत्व को समझना है. इसके साथ-साथ जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी लोगों में जागरुकता लाना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है. इस परिचर्चा में प्रकृतिप्रेमियों, छात्रों, शोधकर्ताओं और जनमानस के अंदर तितलियों को लेकर जो कौतूहल है उसे समझाने का प्रयास किया जाएगा.
कब से शुरु होगा आयोजन ?: तितलियों पर वॉक और टॉक की शुरुआत 24 अगस्त को सुबह सात बजे से नया रायपुर जंगल सफारी के नंदन वन में होगी. यह दोपहर 10.30 बजे तक आयोजित की जाएगी. इसमें प्रकृति प्रेमी, छात्र छात्राएं और शोधकर्ता शामिल होंगे. विशेषज्ञों द्वारा तितलियों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी. इसमें प्रतिभागियों को तितलियों की पहचान और उनके संरक्षण के व्यावहारिक अनुभव से भी वाकिफ कराया गया.
तितलियों पर वॉक और टॉक का आयोजन किसने किया ?: रायपुर जंगल सफारी में तितलियों पर वॉक और टॉक कार्यक्रम का आयोजन जैव विविधता संरक्षण सोसाइटी और छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की ओर से किया गया है. इस आयोजन को प्रकृति प्रेमी और वन्यप्राणी विशेषज्ञ काफी अच्छा अवसर मान रहे हैं. इस तरह का और आयोजन कराने की आने वाले दिनों में जरूरत है. जिससे लोग जैव विविधता को समझ सके.